Last Updated: Thursday, January 30, 2014, 00:52
नई दिल्ली : लाजपत नगर में हुई करीब आठ करोड़ रूपए की सनसनीखेज डकैती के मामले में पुलिस ने बुधवार को चार संदिग्धों के स्केच जारी किए और राजधानी तथा आसपास के इलाकों में करीब 200 लोगों से पूछताछ की। मगर दिल्ली पुलिस को अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है।
हालांकि पुलिस का दावा है कि इस पूरे कांड में किसी अपने का हाथ है। कहा जा रहा है कि डकैत हरियाणवी बोली में बात कर रहे थे, इस वजह से हरियाणा में कई जगहों पर छापे मारे गये हैं। जांचकर्ताओं का कहना है कि वे लाजपत नगर इलाके में हुई इस डकैती के अलावा धन के स्रोत की भी जांच कर रहे हैं। इसके हवाला से जुड़े होने की भी जांच की जा रही है।
पीड़ितों और पुलिस मुखबीरों से मिली सूचनाओं के आधार पर चार स्केच बनाकर उन्हें जांच समितियों और पड़ोसी राज्यों की पुलिस को भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि राजेश कालरा और उसके साझेदार राहुल आहूजा को पूछताछ के लिए बुलाया था । कालरा का नाम वर्ष 2000 में हेंसी क्रोनिए मैच फिक्सिंग मामले में सट्टेबाज के रूप में सामने आया था। कालरा पूछताछ के लिए आया लेकिन आहूजा पुलिस से नहीं मिले।
अटकलें लगायी जा रही हैं कि लूट की राशि बतायी जा रही राशि से कहीं ज्यादा हो सकती है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के वक्त कालरा और सभी पांच कर्मचारी वहां मौजूद थे। इनमें आहूजा का प्रबंधक राकेश कुमार भी था। इन सभी से धन के स्रोत और डकैती के बारे में पूछताछ की गई। इस मामले में राकेश कुमार ही मुख्य शिकायतकर्ता है।
सूत्रों के अनुसार, माना जा रहा है कि कालरा टीवी अभिनेता विन्दू दारा सिंह का मित्र है। सिंह को 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग कांड में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि वह मामले को सुलझाने के बाद धन के स्रोत की जांच के लिए इसे प्रवर्तन निदेशालय को सौंप सकती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 30, 2014, 00:52