Last Updated: Tuesday, January 21, 2014, 13:24
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : कुछ पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के मंत्रियों का धरना मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश कर गया। धरने पर बैठे केजरीवाल ने मंगलवार को अपने तेवर और कड़े करते हुए राजपथ पर जनसैलाब उमड़ने की चेतावनी दी और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के खिलाफ जमकर हमला बोला। गौर हो कि राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोहों का आयोजन होता है।
केजरीवाल उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर रेल भवन के सामने धरने पर बैठे हैं जिन्होंने कथित मादक द्रव्य और देह व्यापार का रैकेट चलाने वालों पर छापा मारने से इंकार कर दिया था। धरना समाप्त करने संबंधी किसी भी बातचीत से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा बातचीत का विषय नहीं है। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि हमारा धरना जारी रहेगा। जब दिल्ली में इतने ज्यादा अपराध हो रहे हैं तो गृह मंत्री (सुशील कुमार) शिंदे सो कैसे सकते हैं, जब महिलाएं शहर में असुरक्षित हैं? हम बातचीत नहीं करेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि हम यहां से सत्ता भी चलाएंगे और आंदोलन भी करेंगे। तीन पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े केजरीवाल ने शिंदे पर प्रहार करते हुए कहा कि क्या शिंदे से जनता पूछने आती है। क्या शिंदे देश के तानाशाह हैं? यह शिंदे तय नहीं करेंगे कि मैं कहां धरना दूंगा। केजरीवाल ने यह भी कहा कि केजरीवाल
हम धरनास्थल से नहीं हटेंगे। इस मामले में कोई बीच का रास्ता नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज देश की राजनीति बदल रही है। केंद्र सरकार ने संवधिान की धज्जियों उड़ाईं हैं। ऐसे में अब केंद्र सरकार पूरी तरह सचेत हो जाए। इस बीच, जहां केजरीवाल पुलिस अफसरों के निलंबन की मांग पर अड़े हैं , वहीं दिल्ली पुलिस के कुछ आला अधिकारी मंगलवार सुबह उनसे बात करने पहुंचे।
केजरीवाल रेल भवन के बाहर धरने पर बैठे हैं और यह जगह राजपथ के उस हिस्से के करीब है जहां कड़ी सुरक्षा के बीच गणतंत्र दिवस समारोहों के आयोजन की तैयारी हो रही है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में धरना स्थल पर पहुंचे हैं। अपने छह मंत्रिमंडलीय सहयोगियों और कुछ समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री ने रेल भवन के बाहर कड़ाके की ठंड में रात बिताई।
केजरीवाल खुले आसमान के नीचे सड़क पर सोए जबकि उनके कुछ समर्थक आग जला कर गीत गाते रहे और नारे लगाते रहे। कैबिनेट मंत्री भी रात को सड़क पर सोए। केजरीवाल ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो ‘हमारे लाखों समर्थक राजपथ पहुंचने लगेंगे। उन्हें :केंद्र को: लोगों की बात सुननी पड़ेगी।’ गृह मंत्री के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपना धरना जंतर मंतर पर स्थानांतरित नहीं करेंगे, जैसा कि पुलिस ने उनसे आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र को, कथित मादक द्रव्य और देह व्यापार का रैकेट चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग का आग्रह स्वीकार करना ही होगा। केजरीवाल ने कहा कि क्या दिल्ली की जनता ने उन्हें अपने लिए फैसले करने का अधिकार दिया है? नहीं। उन्होंने वह अधिकार मुझे दिया है। फिर शिंदे मुझसे कैसे कह सकते हैं कि मैं कहां बैठूं? उन्हें मैं बताऊंगा कि कहां बैठना है।
मुख्यमंत्री ने पुलिस पर धरना स्थल पर अपने समर्थकों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इलाके को जेल में तब्दील कर दिया गया है। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने इस छोटे से हिस्से को जेल में तब्दील कर दिया है। यहां शौचालय नहीं हैं। मैं कल रेल भवन के शौचालय का उपयोग कर रहा था। आज उन्होंने उसे बंद कर दिया है। हमने कल किसी तरह सार्वजनिक शौचालय का इंतजाम किया लेकिन उन्होंने उसे यहां लाने की अनुमति नहीं दी। वह यहां खाना लाने की अनुमति भी नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चाय अंदर लाने के लिए मुझे खुद अवरोधक तक जाना पड़ा। यहां धरने पर बैठे लोग पाकिस्तानी या अमेरिकी नहीं हैं। वह हमारे अपने लोग हैं। शौचालय का उपयोग करने के लिए महिलाएं कहां जाएंगी? क्या शिन्दे ने जनता के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है? शिंदे की आलोचना करते हुए केजरीवाल ने कहा कि कुछ माह पहले जब कुछ लोग उनके (शिन्दे के) आवास में घुसे थे तो गृह मंत्री ने कई पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। लेकिन अगर महिलाएं प्रताड़ित होती हैं तो कोई कार्रवाई नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि वह (शिन्दे) कह रहे हैं कि हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे लेकिन किसके लिए? अति विशिष्ट लोग (वीआईपी) परेड देखेंगे। यह गणतंत्र दिवस आयोजन नहीं है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि किसी ने मुझे बताया कि कुछ माह पहले प्रदर्शनकारियों ने शिन्दे के आवास की एक खिड़की तोड़ दी थी। तब 12 पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए थे। जब एक महिला से बलात्कार हुआ तो वह कहते हैं कि हम जांच करेंगे लेकिन पुलिस कर्मी को निलंबित नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि एक महिला को जला दिया गया लेकिन पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि पहले वह जांच करेंगे। आरके सिंह सही थे जिन्होंने कहा कि ऊपर तक कुछ पहुंचता है तो रुपया पहुंचता है।
आम आदमी से जुड़ी समस्याओं के लिए शिंदे से पहल करने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस में ‘विद्रोह’ होगा क्योंकि निचले स्तर के पुलिस अधिकारी आम आदमी पार्टी के साथ हैं। उन्होंने कहा कि एक आदमी इस्तीफा दे कर यहां आ गया। उसकी आंखों में आंसू थे। एक अन्य आदमी निलंबित कर दिया गया जो हमारे पक्ष में नारे लगा रहा था। दिल्ली पुलिस में भी बगावत होगी। गृह मंत्री पर नाराजगी जाहिर करते हुए केजरीवाल ने उन पर दिल्ली को ‘चलाने’ का आरोप लगाया। अपने धरने को जायज ठहराते हुए उन्होंने कहा कि देश में राजनीतिक धारा परिवर्तन के दौर से गुजर रही है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि हमें लोगों ने चुना है। वह हमारे पास आए। बैठक में हमने शिन्दे से पूछा कि जब महिला के साथ बलात्कार होता है या उसे जलाया जाता है तो क्या लोग उनके पास आते हैं। उन्होंने कहा ‘नहीं’। लेकिन लोग हमारे पास आते हैं और कहते हैं कि आप क्या कर रहे हैं। शिन्दे दिल्ली को चलाने वाले कौन हैं? वह यह सोचना शुरू कर रहे हैं कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अब इन गैरपरंपरागत तरीकों से चलेगी। भारत की राजनीतिक दिशा बदल गई है। यह लोकतंत्र है। केजरीवाल ने शिन्दे पर आरोप लगाया कि सेंट्रल दिल्ली के आसपास कई मेट्रो स्टेशन बंद करके उन्होंने लोगों को परेशान कर दिया। उन्होंने कहा िक शिन्दे ने मेट्रो स्टेशन बंद कर दिये। मैंने मेट्रो अधिकारियों से मेट्रो चलाने को कहा। उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि दिल्ली पुलिस ने स्टेशन बंद किए हैं। शिन्दे न सिर्फ हमारे लिए बल्कि आम जनता के लिए भी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। मेट्रो स्टेशन उन्होंने बंद किए हैं।
First Published: Tuesday, January 21, 2014, 10:35