Last Updated: Tuesday, October 15, 2013, 12:16
ज़ी मीडिया ब्यूरो दतिया (मध्य प्रदेश) : रतनगढ़ मंदिर के निकट बीते रविवार को हुए भगदड़ के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने अब तक कुल 21 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस मामले की जांच जारी है। शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सोमवार रात रात दतिया के जिलाधिकारी के अलावा तीन वरिष्ठ अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया। गौर हो कि इस हादसे में 115 श्रद्धालुओं की जानें गई हैं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री चौहान की ओर से सोमवार को इस मामले में जांच के लिए एक न्यायिक आयोग की घोषणा की गई। आयोग मंगलवार से जांच का काम शुरू कर देगी। जानकारी के अनुसार, इस आयोग के अध्यक्ष हाईकोर्ट के एक जज होंगे और भगदड़ मामले के सभी पहलुओं की जांच करेंगे। आयोग को दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
सरकार की ओर से 17 पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है। मंदिर के पास हुई इस भगदड़ के बाद लोगों ने आरोप लगाया था कि कुछ पुलिसवालों ने रिश्वत लेकर ज्यादा गाड़ियों को आगे जाने दिया जिस वजह से जरूरत से ज्यादा लोग परिसर में पहुंच गए और इंतजाम नाकाफी साबित हुए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की न्यायिक जांच का आदेश देने के साथ ही दतिया के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, सब डिवीजनल अधिकारी और सेवढा पुलिस थाने के सभी कर्मचारियों को निलंबित करने की सिफारिश की थी। यह निर्णय चुनाव आयोग की मंजूरी लेने के बाद लिया गया है क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद से ही आचार संहिता लागू है। दतिया के जिलाधिकारी संकेत भोंदवें, पुलिस अधीक्षक सीएस सोलंकी, एसडीएम महिप तेजस्वी और एसडीओपी बीएन बसावे को निलंबित किया गया है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि आरके मराठे दतिया के नए पुलिस अधीक्षक होंगे।
दतिया में चौहान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इन अधिकारियों को कर्तव्य में लापरवाही का दोषी पाए जाने के बाद उन्हें निलंबित करने की सिफारिश चुनाव आयोग से कराने का निर्णय किया गया। राज्य में आगामी 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं।
नवरात्र पर्व के अंतिम दिन रतनगढ के देवी मंदिर में कल सुबह जब श्रद्धालुओं की भारी भीड थी उसी समय किसी ने अफवाह उडा दी कि मंदिर तक पहुंचने वाला सिंधु नदी पर बना पुल टूटने वाला है और इसके बाद वहां भगदड मच गई, जिसमें 115 लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि 100 से अधिक घायल हो गए। विपक्ष ने इसे मानव निर्मित त्रासदी बताते हुए मुख्यमंत्री से घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की।
उधर, मुख्यमंत्री ने दतिया पहुंच कर घायलों के हाल चाल जाने और हालात का जायजा लिया। चुनाव आयोग ने हालांकि उन्हें घटनास्थल का दौरा करने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने हताहतों के लिये सहायता की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि एक दो दिन में जांच आयोग गठित कर दिया जायेगा और उससे दो माह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा जायेगा। रिपोर्ट मिलने के बाद 15 दिन के अंदर आयोग की सिफारिशों पर अमल किया जाएगा जबकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
First Published: Tuesday, October 15, 2013, 10:27