Last Updated: Sunday, October 27, 2013, 22:07
अहमदाबाद : उच्चतम न्यायालय की तरफ से नियुक्त एसआईटी की मामले को बंद करने की रिपोर्ट के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका पर यहां की अदालत सोमवार को फैसला सुना सकती है। यह मामला वर्ष 2002 के दंगों में कथित षड्यंत्र के सिलसिले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य को क्लीनचिट देने से संबंधित है।
जाफरी की याचिका पर उनके वकीलों एवं विशेष जांच दल (एसआईटी) के वकील की जिरह मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बी.जे. गणात्रा के समक्ष पांच महीने तक चली जिसके बाद जाफरी के वकील ने 18 सितम्बर को अदालत को लिखित हलफनामा दिया। एसआईटी ने 30 सितम्बर को लिखित हलफनामा दिया और मजिस्ट्रेट गणात्रा ने कहा कि वह 28 अक्तूबर को फैसला सुनाएंगे।
जाफरी के पति और पूर्व सांसद एहसान जाफरी 2002 के दंगे में गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार में मारे गए 69 लोगों में शामिल थे। जाफरी ने याचिका दायर कर एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताई। क्लोजर रिपोर्ट में मोदी को किसी भी तरह के षड्यंत्र में शामिल होने से बरी कर दिया गया था।
जाफरी की शिकायत पर जांच पूरी करने के बाद एसआईटी ने आठ फरवरी 2012 को जांच रिपोर्ट दायर की थी जिसमें कहा था कि आठ वर्ष बीत जाने के कारण साक्ष्य जुटाने में परेशानी के बावजूद जो भी साक्ष्य जुटाए जा सके उनसे यह साबित नहीं हो सका कि 2002 के दंगों के षड्यंत्र के आरोप जिन लोगों पर लगाए गए थे वे इनमें संलिप्त थे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 27, 2013, 22:07