Last Updated: Wednesday, June 4, 2014, 23:22

शिलांग : मेघालय के दक्षिणी गारो पर्वतीय जिले में गारो उग्रवादियों ने कथित छेड़छाड़ और बलात्कार के प्रयास का विरोध करने पर 35 वर्षीय एक महिला को पुलिस मुखबिर करार देते हुए उसे बहुत नजदीक से गोली मारी और उसके सिर के चिथड़े कर दिए।
पुलिस महानिरीक्षक जी एच पी राजू ने बताया कि सुदूर राजा रोगाट गांव में कल शाम करीब छह बजे गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी के चार से पांच सशस्त्र उग्रवादी 35 वर्षीय इस महिला के घर में घुस गए।
उन्होंने बताया कि उग्रवादियों ने खींचकर महिला को घर से बाहर निकाला, उसपर हमला किया, उसके साथ छेड़छाड़ की तथा उससे बलात्कार का प्रयास किया। जब महिला ने विरोध किया तब उन्होंने अत्याधुनिक राइफल से बेहद नजदीक से उसे गोली मार दी जिससे उसके सिर के दो टुकड़े हो गए। उग्रवादियों ने महिला को खींचकर घर से बाहर निकालने से पहले उसके पति और पांच बच्चों को घर के भीतर बंद कर दिया ।
नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री से बात की है और उनसे अपराधियों की पहचान करने को कहा है तथा यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। ’ उन्होंने कहा कि पी ए संगमा की अगुवाई वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा और आरोप लगाया कि मेघालय में कानून व्यवस्था की मशीनरी पूरी तरह चरमरा गयी है और केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए।
मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने इस घटना को बहुत ही शर्मनाक कृत्य करार दिया है और कहा कि एक ऐसे उग्रवादी संगठन से ऐसी कतई उम्मीद नहीं थी जो जनता के लिए संघर्ष करने का दावा करता है। उन्होंने शिलांग में कहा, ‘मैंने केंद्रीय गृहराज्यमंत्री को इस घटना के बारे में बताया और उन्हें यह भी कहा कि राज्य सरकार को इस समय किस तरह के सहयोग की जरूरत है। ’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पुलिस ने उन लोगों की पहचान कर ली है जो हत्या में शामिल थे। वे जीएनएलए के सदस्य हैं। ’ उन्होंने कहा कि राज्य के गृहमंत्री उग्रवादियों के अमानवीय हरकत के बारे में पता करने के लिए उस गांव में जा रहे हैं।
राज्य सरकार ने महिला के परिवार के लिए एक लाख रूपए के मुआवजे की घोषणा की है। उधर, जीएनएलए ने बाद में बयान जारी कर इस बात का खंडन किया कि महिला से छेड़छाड़ की गयी या उससे बलात्कार किया गया। जीएनएलए ने कहा कि वह पुलिस मुखबिर थी, इसलिए उसे मृत्युदंड दिया गया।
जीएनएलए को केन्द्र ने जनवरी 2012 में आतंकी संगठन घोषित किया था। यह प्रतिबंधित संगठन मेघालय के सभी तीन गारो पर्वतीय जिलों में हत्या, अपहरण और रंगदारी के कई मामलों मे कथित रूप से शामिल है।
इस घटना को लेकर गृह मंत्रालय ने एक हजार अर्धसैनिक बलों को वहां के लिए रवाना किया है । केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि बीएसएफ की पांच कम्पनियों और सीआरपीएफ की पांच कम्पनियों को मेघालय रवाना किया गया है जो कानून व्यवस्था बनाए रखने में राज्य सरकार का सहयोग करेंगे । अर्धसैनिक बलों की प्रत्येक कम्पनी में 100 कर्मी होते हैं । रिजीजू ने कहा कि मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के आग्रह पर बल को रवाना किया गया है । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 4, 2014, 19:41