मोदी के `हुंकार रैली` के नाम को लेकर सियासत गर्म

मोदी के `हुंकार रैली` के नाम को लेकर सियासत गर्म

पटना: बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की `हुंकार रैली` के आयोजन के लिए अब एक सप्ताह से भी कम समय रह गया है। भाजपा एक ओर जहां इसे सफल करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है, वहीं इसे लेकर बिहार में सियासत भी गर्म है।

भाजपा की इस `हुंकार रैली` को कई राजनीतिक दल `खूंखार रैली` तो कई `चीत्कार रैली` का नाम दे रहे हैं। जनता दल (युनाइटेड) इस रैली की उनकी `अधिकार रैली` से तुलना किए जाने से नाराज है।

भाजपा नेता इस रैली को सफल बनाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं, जिसके तहत लोगों को रैली में आने के लिए आमंत्रण भी भेजा जा रहा है। वहीं अन्य राजनीतिक दलों ने इस रैली के नाम को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद और महासचिव रामकृपाल यादव ने कहा कि इस रैली के माध्यम से भाजपा अपना असली चेहरा दिखाने में लगी है। बेहतर होता कि भाजपा अपनी चाल और चरित्र के हिसाब से इसे हुंकार के बजाए `खूंखार रैली` कहती। युद्ध के मैदान में हुंकार होता है। मेरे हिसाब से इस रैली का नाम `खूंखार रैली` होना चाहिए।

इधर, बिहार में सत्तारूढ़ और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से हाल के दिनों में अलग हुए जद (यू) के नेता हुंकार नाम को ही नकारात्मक बताते हुए कहते हैं कि इस नाम से समाज को लड़ाने की साजिश की बू आ रही है। इस रैली का सही नाम तो `चीत्कार रैली` होना चाहिए।

जद (यू) के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि जब से बिहार में भाजपा सत्ता से अलग हुई है तभी से ये लोग छाती पीटकर रो रहे हैं। इस कारण ये यहां `चीत्कार रैली` कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल भाजपा नेताओं के खाने के दांत और दिखाने के दांत अलग-अलग हैं। इसलिए वे `हैवोक रैली` का समां बांध रहे हैं।

इस रैली की जद (यू) की `अधिकार रैली` से तुलना किए जाने पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह कहते हैं कि विशेष राज्य की मांग को लेकर पिछले दिनों पटना में आयोजित इस रैली की तुलना भाजपा की रैली से नहीं की जा सकती। `अधिकार रैली` बिहार के लोगों के हक के लिए थी, वह मुद्दा आधारित और राज्य हित की रैली थी।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने भी हुंकार को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। वह कहते हैं कि आखिरकार भाजपा इस रैली के माध्यम से क्या हुंकार करना चाहती है और वह अभी से लोगों को रैली के दिन रेलगाड़ी और बसों में सफर नहीं करने की अपील कर रही है।

भाजपा के नेताओं के पास हुंकार नाम को लेकर अपना तर्क है। भाजपा के नेता इस नाम को सकरात्मक मानते हैं। भाजपा बिहार इकाई के अध्यक्ष मंगल पांडेय कहते हैं कि इस रैली में किया गया हुंकार बिहारवारियों की अंतरात्मा की पुकार होगी। वह कहते हैं कि यह रैली बिहार और केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष का आह्वान होगा, इसलिए इस रैली का नाम हुंकार पूरी तरह से तर्क संगत है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 22, 2013, 12:58

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