Last Updated: Sunday, January 5, 2014, 22:59
भोपाल : मध्य प्रदेश में 14वीं विधानसभा के चुनाव में पराजय का करारा झटका झेलने के बाद 58 सदस्यीय कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए आज यहां हुई बैठक में आम सहमति नहीं बन सकी और इसका फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार को कांग्रेस आलाकमान इसपर अपना फैसला सुना सकती है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए दिल्ली से वरिष्ठ नेता ऑस्कर फर्नाडीज एवं सीपी जोशी, केन्द्रीय पर्यवेक्षक बनकर आज यहां पहुंचे और शाम चार बजे के आसपास उन्होंने सीएलपी की बैठक आहूत की।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक में विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता अजय सिंह ने सारा मामला आलाकमान पर छोड़ने को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे पर्यवेक्षकों और कुछ विधायकों ने नामंजूर कर दिया। इसके बाद जब आम सहमति कायम नहीं हो सकी, तो पर्यवेक्षकों ने शाम करीब छह बजे एक-एक विधायक से रायशुमारी शुरू की।
केन्द्रीय पर्यवेक्षक फर्नांडीज ने रात करीब आठ बजे संवाददाताओं को बताया कि 58 में से आज 56 विधायक इस बैठक मौजूद थे तथा आम राय कायम नहीं होने के बाद दोनों पर्यवेक्षकों ने उपस्थित सभी विधायकों से ‘वन-टू-वन’ बातचीत
आरम्भ की और उनकी राय जानी। फर्नांडीज ने कहा कि विधायकों की राय लेकर वे दिल्ली जा रहे हैं और अपनी रिपोर्ट से आलाकमान को अवगत कराएंगे, जिसके बाद संभवत: मंगलवार सात जनवरी को दिल्ली से विधानसभा में नए विपक्ष के नेता एवं उप नेता के नाम का एलान किया जाएगा।
गौरतलब है कि सीएलपी नेता, जो विधानसभा में विपक्ष का नेता भी होगा एवं उप नेता के लिए दिग्विजय सिंह खेमे से क्रमश: निवर्तमान विपक्ष के नेता अजय सिंह एवं राजेन्द्र सिंह तथा कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से क्रमश: नेता के लिए महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा एवं उप नेता के लिए बाला बच्चन का नाम चर्चा में है।
इसके अलावा सत्यदेव कटारे के नाम की चर्चा है। इस बीच कांग्रेस को आठ जनवरी से नई चौदहवीं विधानसभा के आरम्भ हो रहे पहले सत्र के दौरान सदन के उपाध्यक्ष पद के लिए होने वाले निर्वाचन के लिए भी एक नाम तय करना है। प्रदेश में मान्य संसदीय परम्पराओं के अनुसार विधानसभा का उपाध्यक्ष पद, प्रमुख विपक्षी दल को दिया जाता रहा है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 5, 2014, 22:59