मध्‍य प्रदेश मंदिर भगदड़: मरने वालों की संख्या 115 पहुंची, हादसे को लेकर आरोप-प्रत्‍यारोप जारी। MP temple stampede: Death toll rises to 115, blame game begins over tragedy

मध्‍य प्रदेश मंदिर भगदड़: मरने वालों की संख्या 115 पहुंची, हादसे को लेकर आरोप-प्रत्‍यारोप जारी

मध्‍य प्रदेश मंदिर भगदड़: मरने वालों की संख्या 115 पहुंची, हादसे को लेकर आरोप-प्रत्‍यारोप जारीज़ी मीडिया ब्‍यूरो

दतिया (मप्र) : मध्य प्रदेश के दतिया से लगभग 60 किलोमीटर दूर रतनगढ़ स्थित देवी मंदिर में नवरात्रि पर्व के रविवार को अंतिम दिन देवी दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं में भगदड़ मचने से मरने वालों की संख्या सोमवार तक 115 तक पहुंच गई है, वहीं 100 से अधिक श्रद्धालु घायल हैं।

उधर, रतनगढ़ मंदिर क्षेत्र में हुए हादसे के लिए कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और दतिया का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री नरोत्तम मिश्रा को दोषी ठहराते हुए दोनों से इस्तीफे की मांग की है। श्रद्धालुओं में भगदड़ मचने से हुए हादसे के लिए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। सिंह ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ‘ट्विटर’ पर कल रात लिखा है कि रतनगढ़ मंदिर पहुंच मार्ग पर यातायात के लिए प्रवेश निषेध क्षेत्र में पुलिस ने 200-200 रूपये लेकर ट्रैक्टर-ट्रालियों एवं अन्य वाहनों को जाने दिया। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने दतिया स्थित रतनगढ़ मंदिर में रविवार को मची भगदड़ में श्रद्धालुओं के मारे जाने पर शोक व्यक्त करते हुए घटना की न्यायिक जांच कराने का समर्थन किया।

पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) डीके आर्य ने रतनगढ़ में आज बताया कि अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार हादसे में मरने वालों की संख्या 115 हो गई है और घायलों की संख्या 100 से अधिक है। उन्होंने कहा कि मरने वाले 115 लोगों में कितने पुरूष, महिलाएं एवं बच्चे हैं, यह बताना इस समय संभव नहीं है।

कई लोग अपने प्रियजनों के शव लेकर चले गए थे, लेकिन अब पोस्टमॉर्टम कराने के लिए आ रहे हैं, जो मुआवजा लेने के लिए आवश्यक है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की कल न्यायिक जांच की घोषणा की, जो वर्ष 2006 में हुए ऐसे ही एक हादसे की पुनरावृत्ति है, जिसमें 57 लोग मारे गए थे। तब सिंध नदी में अचानक बांध से छोड़े गए अतिरिक्त पानी की वजह से इस तरह की घटना हुई थी। इसकी न्यायिक जांच रिपोर्ट भी अब तक सामने नहीं आई है। यह जांच वर्ष 2007 में न्यायमूर्ति एसके पाण्डेय ने की थी।

वर्ष 2006 से अब तक रतनगढ़ में केवल यह बदला है कि राज्य शासन ने सिंध नदी पर वहां एक पुल का निर्माण करा दिया है। भगदड़ का कथित कारण इसी पुल के टूटने की अफवाह को बताया जा रहा है। दतिया जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डा. आरएस गुप्ता ने कहा कि आज सुबह तक 111 शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है, जबकि इससे पहले पुलिस ने कहा था कि हादसे में 89 लोगों की मृत्यु हुई है, जिनमें 41 पुरूष, 31 महिलाएं एवं 17 बच्चे शामिल हैं।

रतनगढ़ मंदिर में कल नवरात्र के अंतिम दिन देवी दर्शन के लिए दतिया जिले एवं पड़ोसी उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं में उस समय भगदड़ मच गई थी, जब कथित रूप से सिंध नदी का पुल टूटने की अफवाह फैली थी। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे और कई श्रद्धालु पुल से नदी में कूद गए। इससे पहले प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया था कि कुछ श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन की ‘लाइन’ तोड़कर आगे जाने का प्रयास किया, जिससे उन पर काबू पाने के लिए पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग किए जाने से यह भगदड़ मची। यह स्थान प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 320 किलोमीटर दूर है।

राज्य शासन ने निर्वाचन आयोग से मंजूरी मिलने के बाद हादसे की न्यायिक जांच कराने तथा मारे गए लोगों के परिवारों को डेढ़-डेढ़ लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार एवं अन्य घायलों को 25..25 हजार रूपये की तात्कालिक मदद देने की घोषणा की है।

इस बीच, भाजपा उपाध्यक्ष एवं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती तथा केन्द्रीय उर्जा राज्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया आज ग्वालियर होते हुए रतनगढ़ पहुंच रहे हैं। वे वहां हादसे की जानकारी लेने के साथ ही मृतकों के परिवारों एवं घायलों से मुलाकात कर संवेदना प्रकट करेंगे।

First Published: Monday, October 14, 2013, 10:28

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