Last Updated: Monday, December 23, 2013, 14:33
ज़ी मीडिया ब्यूरो लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को गुंडई से बाज आने की सख्त हिदायत देते हुए ऐसा करने वालों को पार्टी से निकालने की चेतावनी दी और इसी संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तारीफ भी कर डाली। एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी की तारीफ करते हुए कहा कि बीजेपी के लोग गुंडई नहीं करते इसलिए राज्यों में जीतते हैं।
यादव ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 111वीं जयन्ती पर सपा राज्य मुख्यालय में आयोजित समारोह में राज्य के औद्यानिकी मंत्री पारसनाथ यादव के बेटे द्वारा हाल में जौनपुर में कथित तौर पर गुंडागर्दी किये जाने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सपा कार्यकर्ता कई जगह पर गुंडई करते हैं। अगर मंत्री के परिवार का लड़का गुंडई करेगा तो हमारी छवि खराब होगी। अगर कहीं खबर मिली कि फलां जगह गुंडई हुई है तो मैं पार्टी से निकाल दूंगा। यूपी सरकार के मंत्री के बेटे गुंडई कर रहे हैं और इससे एसपी की ईमेज पार्टी के लोग खराब कर रहे हैं।
यादव ने भाजपा की तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता गुंडई नहीं करते हैं। इसी वजह से कई राज्यों में पिछले दिनों उनकी सरकार बनी। सरकार में होने पर आपका आचरण, आपकी वाणी और बोली ऐसी होनी चाहिये जो लोगों को प्रभावित करे। गौरतलब है कि जौनपुर लोकसभा सीट के प्रत्याशी पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव ने पूर्व में घोषित प्रत्याशी केपी यादव के समर्थकों के साथ परसों कथित रूप से धक्का-मुक्की की थी।
सपा मुखिया ने कहा कि गुंडागर्दी करने वाले लोग पार्टी का नुकसान कर रहे हैं। इस तरह से पार्टी नहीं चल पाएगी। ऐसी गुंडई नहीं चल पाएगी। किसी का बाप अगर मंत्री है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह गुंडई करेगा। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इस मौके पर चौधरी चरण सिंह की शख्सियत के विभिन्न पहलुओं का भी विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सिंह के पूरे जीवन से बहुत लोगों को प्रेरणा मिल सकती है। साधारण किसान के घर में पैदा हुए सिंह वकालत छोड़कर आजादी के संग्राम में शामिल हो गए और देश की आजादी में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
यादव ने कहा कि सिंह हमेशा गरीबों के बीच रहकर गरीबों की बात सुनते और समाज तथा देश के स्तर पर रखते थे। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एक बार सहकारी खेती का प्रस्ताव रखा था। उस वक्त उस प्रस्ताव का विरोध करने की किसी की हिम्मत नहीं थी। उस वक्त चरण सिंह ने अपने ऐतिहासिक भाषण में सहकारी खेती के दुष्परिणामों के बारे में बताया। यादव ने कहा कि चरण सिंह ने उस भाषण में कहा था कि सहकारी खेती से पैदावार कम होगी। किसानों के हाथ से खेती छिन जाएगी। किसान की सम्पत्ति खेती है और वह सोचेगा कि हमारी खेती नहीं रहेगी तो क्या होगा। चरण सिंह के भाषण से वह प्रस्ताव गिर गया था और नेहरू को पीछे हटना पड़ा।
First Published: Monday, December 23, 2013, 14:33