Last Updated: Sunday, February 2, 2014, 15:55
ज़ी मीडिया ब्यूरो मुंबई : मुंबई में देश की सबसे पहली मोनोरेल सेवा को रविवार को आम जनता के लिए खोल दिया गया। इस बहुप्रतीक्षित मोनोरेल का शनिवार को मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने उद्घाटन कर लोगों को समर्पित किया।
मोनोरेल के आसमानी नीले, गुलाबी और हरे रंग के कार, साफ-सुथरे रेलवे प्लेटफॉर्म और दोनों रेलगाड़ियों के अंदर वातुनुकूलित प्रणाली उपनगरीय रेल सेवा और बेस्ट बसों में चलने की अभ्यस्त आम जनता को मंत्रमुग्ध कर देने के लिए काफी है। प्लेटफार्मो की न्यूनतम ऊंचाई करीब 5.5 मीटर है। अभी इस पर पहुंचने के लिए सीढ़ियों की व्यवस्था की गई है, लेकिन जल्द ही एक्सेलेटर भी शुरू कर दी जाएगी।
मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) के संयुक्त निदेशक डी. कवाथकर ने कहा कि 8.9 किलोमीटर के प्रथम चरण में सात स्टेशन हैं : वडाला, भक्ति पार्क, मैसूर कॉलनी, बीपीसीएल, फर्टिलाइजर टाउनशिप, वीएनपी-आरसी मार्ग जंक्शन और चेंबूर। प्रथम चरण के पूरे मार्ग की यात्रा 20 मिनट में पूरी होगी। रेल 31 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। चेंबूर-वाडला के बीच दौड़ने वाली इस मानोरेल के पहले चरण के मार्ग की लंबाई 8.93 किलोमीटर है।
दूसरे चरण में वाडला को दक्षिण मुंबई में संत गाडगे महाराज चौक से जोड़ा जाएगा। मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के अधिकारियों ने बताया कि 19.17 किलोमीटर की यह दूरी मध्य 2015 तक पूरी होगी।
पूरी तरह तैयार होने के बाद चेंबूर-संत गाडगे महाराज चौक कॉरिडोर दुनिया में दूसरे नंबर की सबसे लंबा मोनोरेल कॉरिडोर होगा। सबसे लंबा मोनोरेल कॉरिडोर जापान का ओसाका मोनोरेल है जिसकी लंबाई 23.8 किलोमीटर है। अभी दूसरे स्थान पर टोक्यो मोनोरेल है, जिसकी लंबाई 16.9 किलोमीटर है।
मुंबई मोनोरेल पर 3000 करोड़ रुपये की लागत आई है। ओसाका मोनोरेल पर 12,690 करोड़ रुपये की लागत आई है। मुंबई मोनोरेल का किराया 5-19 रुपये होगा। ओसाका मोनोरेल का किराया 2-4.5 डॉलर (125-325 रुपये) है।
First Published: Sunday, February 2, 2014, 09:39