Last Updated: Saturday, March 8, 2014, 13:16
मुजफ्फरनगर : दंगा प्रभावित तीन गांवों से ताल्लुक रखने वाले 66 विस्थापित परिवारों के सदस्यों ने आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का फैसला किया है। चुनाव के बहिष्कार का ऐलान करते हुए इन लोगों ने कहा है कि उनका राजनेताओं पर से यकीन उठ गया है।
पिछले वर्ष सितंबर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के चलते प्रभावित लांक, सिसौली और बितावड़ा गांवों से भागे इन लोगों ने एक अन्य गांव भालवा में शरण ली थी। ग्रामीणों ने अब वहां उनके लिए कुछ घर बना दिए हैं। इन दंगों में 60 से अधिक लोग मारे गए थे।
दंगा पीड़ित अहसान ने कहा, ‘नेताओं पर से हमारा यकीन उठ गया है। वे दंगों के बाद किसी प्रकार की मदद मुहैया कराने में विफल रहे और केवल आश्वासन देते रहे।’ मेहरबान, इलियास और मुखिया भी उन लोगों में शामिल हैं जिनका कहना है कि वे वोट डालने के लिए अपने परिवारों के साथ अपने पैतृक गांव नहीं जाएंगे। भालवा गांव के प्रमुख मोहम्मद इरफान ने कहा कि 66 परिवारों ने अपने नयी रिहाइश से मतदाता सूची में पंजीकरण नहीं कराया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 8, 2014, 13:16