Last Updated: Tuesday, November 26, 2013, 22:15

लखनऊ : मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों की मदद के लिये जारी शासनादेश में सिर्फ एक समुदाय को ही पांच लाख रुपये सहायता देने की बात कहे जाने पर उच्चतम न्यायालय से कड़ी फटकार मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने आज उसमें संशोधन करके सभी विस्थापित परिवारों की मदद की व्यवस्था कर दी।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां बताया कि राज्य सरकार द्वारा मुजफ्फरनगर और शामली में हिंसा प्रभावित विस्थापित परिवारों को पुनर्वास के लिए गत 26 अक्तूबर को जारी शासनादेश में संक्षिप्त संशोधन करते हुए, जहां-जहां मुस्लिम परिवार विस्थापित अंकित है, उसके स्थान पर परिवार विस्थापित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि शासनादेश में एक अन्य संशोधन के तहत पुनर्वास के लिये अनुमन्य धनराशि प्राप्त करने के बाद भविष्य में अगर कोई परिवार स्वेच्छा से अपने गांव में दोबारा बसने के लिये लौटता है तो उसे प्राप्त की गयी धनराशि लौटानी होगी, नहीं तो उससे वह धन भूराजस्व की तरह वसूला जाएगा। गौरतलब है कि गत 21 नवम्बर को उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सतशिवम, न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों को पांच-पांच लाख रुपए की मदद के लिये 26 अक्तूबर को जारी शासनादेश में केवल मुस्लिम विस्थापितों का जिक्र किये जाने पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा था कि सभी दंगा पीड़ित बराबर हैं और अगर प्रदेश सरकार इस शासनादेश को वापस ले ले तो बेहतर होगा। राज्य सरकार ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि वह इस शासनादेश को वापस ले लेगी।
मुजफ्फरनगर में गत सात सितम्बर को साम्प्रदायिक दंगे भड़के थे जिनकी आग पड़ोस के शामली तथा कुछ अन्य जिलों तक भी पहुंच गयी थी। हिंसा में 61 लोग मारे गए थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 26, 2013, 22:15