नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड की जांच सीबीआई को

नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड की जांच सीबीआई को

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने पुणे में पिछले साल अंध विश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले की जांच सीबीआई को आज सौंप दी।

इससे पहले, पुणे पुलिस इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच कर रही थी लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद पूर्व पत्रकार केतन तिरोडकर ने एक जनहित याचिका दायर की जिसमें मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई।

न्यायमूर्ति पीवी हरदास ने कहा, ‘जनहित याचिका मंजूर की जाती है और मामले को सीबीआई को स्थानांतरित किया जाता है।’ दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को अज्ञात हमलावरों ने पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी थी।

अदालत ने कल जनहित याचिका पर तब अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था जब सीबीआई के वकील ने दावा किया कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि राज्य या पुलिस के खिलाफ लचर जांच के लिए कोई आरोप नहीं लगाया गया है।

तिरोड़कर ने दलील दी थी कि अगर अधिकारियों के खिलाफ आरोप नहीं लगाए गए हैं तो भी जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है, बशर्ते उसका राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हो। तिरोड़कर ने राकांपा नेता पद्मसिंह पाटिल के मामले में फैसले का हवाला दिया जो हत्या के मामले में आरोपी हैं। उन्होंने कहा कि अदालत ने जांच सीबीआई को सौंप दी थी लेकिन उसने पुलिस की भूमिका के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की थी।

पुणे पुलिस ने इससे पहले अदालत को केस डायरी और गोपनीय रिपोर्ट सौंपी थी। उनका अध्ययन करने के बाद न्यायाधीशों ने कल जांच की स्थिति के बारे में जानना चाहा और सीबीआई से पूछा कि उसका रख क्या है। सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि अब तक मुख्य षड्यंत्रकारी गिरफ्तार नहीं किए गए हैं और जिन्हें गिरफ्तार किया गया, उन्हें जमानत मिल गई है।

दाभोलकर की बेटी मुक्ता ने कहा था कि परिवार चाहता है कि अदालत जांच की निगरानी करे। उन्होंने इससे पहले विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की थी क्योंकि पुलिस कोई प्रगति नहीं कर रही थी। मुक्ता को इस मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा था कि उनका परिवार महसूस करता है कि जांच में राजनैतिक हस्तक्षेप के खिलाफ एहतियात बरतने की आवश्यकता है। (एजेंसी)

First Published: Friday, May 9, 2014, 18:34

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