नरेंद्र मोदी का लाल किले का ख्वाब पूरा नहीं होगा : नीतीश

नरेंद्र मोदी का लाल किले का ख्वाब पूरा नहीं होगा : नीतीश

नरेंद्र मोदी का लाल किले का ख्वाब पूरा नहीं होगा : नीतीशराजगीर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हिटलर से तुलना करते हुए उनपर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि उनका लालकिला पर राष्ट्रध्वज फहराने का सपना पूरा नहीं होगा।

नीतीश ने मोदी की हिटलर से तुलना करते हुए उनपर पलटवार करते हुए कहा कि उनका लालकिला पर राष्ट्रध्वज फहराने का सपना, सपना ही रह जाएगा।

गत 27 अक्तूबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में भाजपा द्वारा आयोजित हुंकार रैली को संबोधित करते हुए मोदी द्वारा मौर्य वंश के शासक चंद्रगुप्त को गुप्त वंश का बताए जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह भी उनका भाषण सुन रहे थे, उन्हें इतिहास का अदभुत ज्ञान है।

नीतीश ने कहा कि हम सुन रहे थे, हमें अचरज हुआ कि तक्षशिला जो कि पाकिस्तान में है उसे भी मोदी द्वारा बिहार में बताया गया। उन्होंने कहा कि मोदी ने सिकंदर को गंगा नदी तक पहुंचा दिया जबकि उसकी फौज के कमजोर पडने पर वह सतलज पहुंचने से पहले ही भाग गया।

नीतीश ने हुंकार रैली के दौरान मोदी के संबोधन की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें पानी पी-पीकर कोसा गया। क्या उतावलापन था, कितने बार पसीने पोंछते रहे। इतना पसीना क्यों आ रहा था।

उन्होंने कहा कि किस बात का उतावलापन था। देश के सर्वोच्च पद पर बैठने की तमन्ना रखने वाले आदमी को धैर्यवान होना चाहिए, उतावलापन नहीं दिखना चाहिए।

नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में नीतीश के गुजरात में एक शादी समारोह जिसमें वह भी शामिल हुए थे, इसके बारे में चर्चा की थी और कहा था कि उन्होंने मेहमान नवाजी को भलि-भांति निभाया था। इस पर नीतीश ने कहा कि विरोधियों की आलोचना की जाती है लेकिन झूठ का सहारा लेकर नहीं।

नीतीश ने कहा कि वह उनके (मोदी) के अतिथि नहीं थे बल्कि पटना उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायधीश के घर में शादी समारोह में वह भाग लेने गए थे जिसमें उनके साथ वह (मोदी) भी अतिथि थे।

उन्होंने कहा कि एक बात उन्हें याद है कि गुजरात के लोग आईसक्रीम बहुत खाते हैं और देशभर में इसकी खपत का आधा गुजरात में है। नीतीश ने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मीठा तो खाते हैं लेकिन उसका असर भी होना चाहिए, जुबान मीठी क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि तीखी से तीखी बात मीठे जुबान से की जा सकती है, उसके लिए पानी पीने की जरूरत नहीं, पसीने-पसीने होने की जरूरत नहीं है।

नीतीश ने मोदी को धैर्य रखने की नसीहत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का पद देश के उस नेता का पद है। देश की 120 करोड लोगों की रहनुमाई करने वाले को धैर्यवान होना चाहिए, उतावलापन नहीं दिखना चाहिए।

नरेंद्र मोदी द्वारा अपने संबोधन में नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देखने की बात कहे जाने के बारे में नीतीश ने कहा कि वह सपना जरूर देखते हैं पर प्रधानमंत्री बनने का नहीं, जैसा कहा गया है। मोदी द्वारा अपने बारे में यह कहे जाने पर कि वह ट्रेन में चाय बेचते हुए आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं, इसके बारे में नीतीश ने कहा ‘हमको स्टेशन पर चाय बेचने का तजुर्बा नहीं है लेकिन हम भी एक साधारण घर से आए हैं।

उन्होंने कहा कि वह भी एक छोटे किसान के घर से आए हैं और उनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ वैद्य थे तथा मां खेती-बारी का काम देखा करती थीं।

मोदी द्वारा अपने संबोधन में प्रधानमंत्री के भोज के टेबुल पर नीतीश के साथ होने और वहां कैमरा लगे होने के कारण नीतीश द्वारा खाने से हिचकिचाने की बात को नीतीश ने बनावटी बताया और कहा कि दोनों ऐसे किसी भोज में साथ शामिल ही नहीं हुए थे। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 29, 2013, 14:57

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