Last Updated: Friday, February 7, 2014, 19:02
इंदौर : अपनी तरह की पहली नदी जोड़ो परियोजना के सफल परीक्षण के बाद मध्यप्रदेश में क्षिप्रा के नर्मदा से जुड़ने का रास्ता साफ हो चुका है। करीब 432 करोड़ रुपये की शुरुआती लागत वाली ‘नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना’ की कामयाबी से क्षिप्रा नदी को नया जीवन मिलने के साथ सूबे के मालवा अंचल को गंभीर जल संकट से स्थायी निजात हासिल होने की उम्मीद है।
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया, ‘हमारे इंजीनियरों की करीब 14 महीने की कड़ी मेहनत के बाद नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना का चुनौतीपूर्ण परीक्षण सफल रहा है। परियोजना को इसी महीने औपचारिक रूप से लोकार्पित करने की तैयारियां की जा रही हैं।’ उन्होंने बताया कि नर्मदा के जल को बिजली के ताकतवर पम्पों की मदद से कोई 50 किलोमीटर की दूरी तक बहाकर और 350 मीटर की उंचाई तक लिफ्ट करके क्षिप्रा के प्राचीन उद्गम स्थल तक कल देर रात लाया गया। यह जगह इंदौर से करीब 30 किलोमीटर दूर उज्जैनी गांव की पहाड़ियों पर स्थित है। हालांकि, क्षिप्रा इस स्थल पर लुप्त नजर आती है।
एनवीडीए अधिकारी ने बताया कि ‘नर्मदा.क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना’ के तहत नर्मदा नदी की ओंकारेश्वर सिंचाई परियोजना के खरगोन जिले स्थित सिसलिया तालाब से पानी लाकर इसे क्षिप्रा के उद्गम स्थल पर छोड़ा जायेगा। इस जगह से नर्मदा का जल क्षिप्रा में प्रवाहित होगा और तकरीबन 115 किलोमीटर की दूरी तय करता हुआ प्रदेश की प्रमुख धार्मिक नगरी उज्जैन तक पहुंचेगा।
अधिकारी ने बताया कि ‘नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना’ की बुनियाद 29 नवंबर 2012 को रखी गयी थी। इस परियोजना के तहत चार स्थानों पर पम्पिंग स्टेशन बनाये गये हैं। इनमें से एक पम्पिंग स्टेशन 1,000 किलोवॉट क्षमता का है, जबकि तीन अन्य पम्पिंग स्टेशन 9,000 किलोवाट क्षमता के हैं।
एनवीडीए अधिकारी के मुताबिक इस परियोजना के तीनों चरण पूरे होने के बाद मालवा अंचल के लगभग 3,000 गांवों और 70 कस्बों को प्रचुर मात्रा में पीने का पानी भी मुहैया कराया जा सकेगा। इसके साथ ही, अंचल के लगभग 16 लाख एकड़ क्षेत्र में सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा विकसित की जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि नजदीकी धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है, जहां क्षिप्रा के तट पर वर्ष 2016 में सिंहस्थ का मेला लगेगा। हर बारह साल में लगने वाले इस धार्मिक मेले में पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं को क्षिप्रा का शुद्ध जल मुहैया कराने में ‘नर्मदा.क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना’ के बेहद मददगार साबित होने की उम्मीद है। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 7, 2014, 19:02