Last Updated: Thursday, March 6, 2014, 15:56

नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता नागमणि ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया । बिहार में कांग्रेस राजद एनसीपी गठबंधन को यह पहला झटका है जहां लोकसभा चुनावों के लिए उन्हें उम्मीदवार के रूप में जगह नहीं मिल सकी । नागमणि एनसीपी की बिहार इकाई के प्रमुख थे और साथ ही पार्टी के झारखंड मामलों को भी देख रहे थे । उन्होंने कहा कि वह एनसीपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं ।
एनसीपी के महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पार्टी की बिहार इकाई को भंग कर दिया है और राष्ट्रीय सचिव मोहन लाल अग्रवाल से राज्य के मामलों को देखने को कहा है । नागमणि ने कहा कि वह करीब दो ढाई महीने से भाजपा के संपर्क में थे । उन्होंने मोदी के लिए काम करने का निर्णय कर लिया था उस समय ही जब यह चर्चा थी कि एनसीपी को बिहार में कांग्रेस, राजद और एनसीपी के बीच बनने वाले धर्मनिरपेक्ष गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे में लोकसभा की दो सीटें मिल सकती हैं ।
गठबंधन में एनसीपी को सिर्फ एक सीट मिली है जिसपर केन्द्रीय मंत्री तारिक अनवर चुनाव लड़ेंगे । एनसीपी दूसरी सीट नागमणि के लिए चाहती थी । बिहार में पिछड़ों के दिग्गज नेता जगदेव प्रसाद के पुत्र नागमणि भाजपा, जदयू, राजद और लोजपा सहित लगभग सभी प्रमुख दलों में रह चुके हैं और एक बार फिर भाजपा में शामिल होने की तैयारी में हैं ।
नागमणि ने कहा कि मैं नरेन्द्र मोदी को छोड़कर भाजपा के सभी प्रमुख नेताओं से मिल चुका हूं । मैं कभी भी कांग्रेस से हाथ मिलाने के पक्ष में नहीं रहा । उस वक्त भी जब यह बात चल रही थी कि एनसीपी को दो सीटें मिलेंगी, मैंने भाजपा नेताओं को कह दिया था कि मैं उनकी पार्टी से चुनाव लड़ना चाहता हूं । उन्होंने कहा कि आज राष्ट्र का यह सपना है कि कोई पिछड़ा या दलित नेता देश का प्रधानमंत्री बने । मोदी सभी मापदंड पूरे करते हैं । वह प्रधानमंत्री बनें यह सुनिश्चित करने के लिए मैं कोई कोर कसर नहीं छोडूंगा । एनसीपी के महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पार्टी की बिहार इकाई को भंग कर दिया है और राष्ट्रीय सचिव मोहन लाल अग्रवाल से राज्य के मामलों को देखने को कहा है ।
नागमणि 1999 में चतरा निर्वाचन क्षेत्र से राजद के टिकट पर लोकसभा सदस्य चुने गये थे । बाद में वह भाजपा में शामिल हो गये और राजग सरकार में मंत्री बने थे । 2004 के आम चुनाव में वह चतरा से हार गये और रामविलास पासवान की लोजपा में शामिल हो गये । कुछ महीने बाद ही वह जदयू में चले गये । वहां वह एमएलसी भी बने ।
2009 के लोकसभा चुनाव में उजियारपुर से लोकसभा टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने जदयू भी छोड़ दिया और राजद के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गये । कुछ समय पहले वह एनसीपी में शामिल हो गये थे । अब एक बार फिर वह भाजपा में जाने को तैयार लग रहे हैं । (एजेंसी)
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First Published: Thursday, March 6, 2014, 15:56