Last Updated: Saturday, December 7, 2013, 21:09

चनघरा (मोतिहारी) : साल 2014 के संसदीय चुनावों का बिगुल फूंकते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार की लेट-लतीफी पर आज निशाना साधा।
नीतीश ने यह कहते हुए भाजपा को भी आड़े हाथ लिया कि पार्टी एक ऐसे नेता (नरेंद्र मोदी) की ताजपोशी की तैयारी कर रही है जो मुंबई तथा अन्य स्थानों पर बिहार के लोगों को निशाना बनाने वाली ताकतों की नुमाइंदगी करता है।
मुख्यमंत्री ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की ‘संकल्प रैली’ के सिलसिले को शुरू करते हुए संकेत दिए कि उनकी पार्टी ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है।
जदयू ने राज्य भर में ‘संकल्प रैली’ आयोजित करने की योजना बनायी है ताकि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर दबाव बनाया जा सके और जनता को भाजपा की अगुवाई वाली ‘विभाजनकारी’ ताकतों के प्रति आगाह किया जा सके।
पूर्वी चंपारण से शुरू कर अगले साल फरवरी तक पूरे बिहार में 12 संकल्प रैलियां करने की योजना है। जदयू नेताओं ने कहा कि पूर्वी चंपारण से संकल्प रैली की शुरूआत इसलिए की गयी है क्योंकि महात्मा गांधी ने यहीं से ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सत्याग्रह आरंभ किया था।
भाजपा और जदयू का गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस से दूरी बनाए रखते हुए मुख्यमंत्री ने बिहार को विशेष दर्जा देने के मुद्दे पर कोई फैसला न करने के लिए संप्रग सरकार को आड़े हाथ लिया।
पूर्वी चंपारण में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित चनघरा गांव में आयोजित रैली में नीतीश ने कहा, ‘रघुराम राजन समिति की उस रिपोर्ट के बाद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की पूरी गुंजाइश है जिसमें पिछड़ेपन की नयी परिभाषा दी गयी है पर दिल्ली में बैठी सरकार कोई फैसला नहीं कर रही।’
नीतीश ने कई दफा कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग ही 2014 के चुनावों में जदयू का प्रमुख चुनावी मुद्दा होगा और वह इसे हासिल करने के लिए मतदाताओं से समर्थन मांगेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं और मेरी पार्टी के नेता ‘संकल्प’ करने आए हैं कि हम बिहार में विकास को तेज रफ्तार देने के लिए विशेष दर्जा हासिल करने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे।’ इस मौके पर जानेमाने फिल्मकार प्रकाश झा भी नीतीश के साथ मंच पर मौजूद थे। झा ने पिछला लोकसभा चुनाव लोक जनशक्ति पार्टी :लोजपा: के टिकट पर बेतिया से लड़ा था पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
बिहार का बंटवारा कर झारखंड को अलग राज्य बनाने के बाद बिहार को पर्याप्त मुआवजा न देने पर भी नीतीश ने केंद्र को आड़े हाथ लिया । आर्थिक विकास के लिए जरूरी खदानों एवं खनिजों के अलावा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के नुकसान की भरपाई के लिए बिहार को विशेष पैकेज दिए जाने की मांग भी नीतीश ने की।
नीतीश ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘उन्हें (नरेंद्र मोदी को) मुंबई में राजकीय अतिथि का दर्जा दिया गया जहां बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों पर कई दफा हमले हुए हैं।’ उन्होंने बिहार के भाजपा नेताओं को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वे अपने ऐसे नेता की ताजपोशी की तैयारी कर रहे हैं जो समाज में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए जाना जाता है।
नीतीश ने लोगों से इतनी ताकत देने की अपील की जिससे हिंदू-मुस्लिम एकता बनी रहे और बिहार प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 7, 2013, 21:09