नीतीश के बिहार में भी खाद्य सुरक्षा कानून लागू

नीतीश के बिहार में भी खाद्य सुरक्षा कानून लागू

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खाद्य सुरक्षा कानून का शुभारंभ करते हुए कांग्रेस को याद दिलाया कि इसका श्रेय अकेले लेना गलत होगा क्योंकि उनकी पार्टी जदयू ने भी इसे लागू कराने में समान योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद कक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये पटना जिला के पुनपुन के बराह गांव में खाद्य सुरक्षा कानून का शुभारंभ करते हुए नीतीश ने कहा कि पिछले वर्ष 25 नवम्बर को अपनी सरकार का 8वां रिपोर्ट कार्ड को पेश करते हुे उन्होंने कहा था कि बिहार में आगामी एक फरवरी से खाद्य सुरक्षा कानून लागू होगा। यह योजना बिहार के पटना, पूर्णिया, गोपालगंज और नालंदा जिलों में शुरू हो गयी जबकि प्रदेश के बाकी अन्य 34 जिलों में यह इस महीने के अन्त तक चालू हो जायेगी।

नीतीश ने कहा कि जब से भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा की परिकल्पना की गयी तभी से राज्य द्वारा समय समय पर बिहार की विशेष सामाजिक, आर्थिक परिपेक्ष में भारत सरकार के साथ पत्राचार किया जाता रहा है तथा राज्य के हितों के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में आवश्यक सुधार करने का सुझाव दिया जाता रहा है।

उन्होंने कहा कि संसद में इसके पक्ष में पहले सुझाव दिया। केंद्र ने पूर्व में इसको लेकर जो प्रस्ताव लाया था उसमें काफी त्रुटियां थीं। सबको सुधार करवाया और इसको संसद में पास करवाने में उसके पक्ष में मतदान किया, ऐसे में हम लोगों का भी इसमें योगदान है।

नीतीश ने कांग्रेस का नाम लिए बिना उसकी ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोग इसका श्रेय अकेले लेना चाहेंगे। लेकिन यह केंद्र और राज्य दोनों की योजना है। नीतीश ने लोकसभा चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि अब चुनाव का दौर आ रहा है तो हमने लागू कर दिया तो उनसे पूछें कि क्या वह इसे अकेले लागू कर देंगे और बिहार में इस पर लागू करने में होने वाले 800 करोड़ रूपये के खर्च को वहन करेंगे।

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के सर्वेक्षण के मुताबिक यहां एक करोड 40 लाख परिवार गरीबी रेखा के नीचे आते है, पर भारत सरकार ने तय कर रखा था कि 65 लाख परिवार को ही खाद्य सुरक्षा योजना में लाभ देंगे जिसका हमने विरोध किया। नीतीश ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक से जुडे सभी पहलुओं पर राज्य सरकार के मंतव्य से संबंधित एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण पर संसद की स्थायी समिति के बिहार दौरे के दौरान उनके सम्मुख दिया गया था।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अपने सुझाव एवं आपत्ति राज्य के सांसदों के माध्यम से संसद में भी रखा गया, जिसके फलस्वरुप राष्र्टीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में हमारे द्वारा उठाये गये कुछ प्रमुख मुद्दों पर संज्ञान लिया गया है। इसका प्रतिफल है कि आज राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 से बिहार को सबसे अधिक लाभ हुआ है।

नीतीश ने कहा कि इस कानून के लागू हो जाने से बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में 85.12 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 74.53 प्रतिशत जनसंख्या को इसका लाभ मिलेगा जो कि करीब आठ करोड है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा योजना में परिवार यूनिट नहीं है बल्कि व्यक्ति यूनिट है। प्रतिव्यक्ति को प्रतिमाह पांच किलो के हिसाब से अनाज मिलेगा। अगर परिवार में पांच सदस्य है तो 25 किलो अनाज मिलेगा। इसके अंतर्गत चावल तीन रुपये तथा गेहूं दो रुपये प्रति किलोग्राम के दर से मिलेगा।

नीतीश ने कहा कि सभी पात्र जिनका नाम सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के अंतिम सूची में सम्मिलित होगा उन्हें अविलंब खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत राशन कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिये बेव पोर्टल आधारित सप्लाई चेन मंैनेजमेंट का भी शुभारंभ किया जा रहा है तथा इस योजना को लागू करने में पूरी पारदर्शिता बरतने और उसके अनुश्रवण के लिये अनाज ढोने वाले वाहनों में जीपीएस अधिष्ठापित रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए लक्षित जन वितरण प्रणाली के दुकानदार से सम्बद्व निगरानी समिति के सदस्य एवं लाभुकों को बिहार राज्य खाद्य निगम के गोदाम से खाद्यान्न के उठाव की एसएमएस के माध्यम सूचना दी जायेगी। खाद्य सुरक्षा के क्रियान्वयन की सूचना एवं शिकायत निवारण हेतु काल सेंटर भी प्रारंभ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए अनाज की अधिप्राप्ति से लेकर उसके वितरण प्रणाली में पारदर्शिता के लिए पूरे प्रणाली पर वे नजर रखेंगे। भ्रष्टाचार खत्म होगा, गरीबों तक सही अनाज मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा भारत सरकार द्वारा लाया गया अधिनियम है। इसे लागू करने में अतिरिक्त व्यय का वहन राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से किया जा रहा है। इसके अंतर्गत डोर स्टेप डिलेवरी योजना, जिस पर 388 करोड रुपये का व्यय सहित प्रति वर्ष कुल आठ सौ करोड रुपये होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जीपीएस ट्रैकिंग, एसएमएस तथा टॉल फ्री नंबर.18003456194 का शुभारंभ किया।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के द्वारा ड्रीम प्रोजेक्ट को दिली की पूर्व ही शीला दीक्षित सरकार सहित अधिकांश कांग्रेस शासित प्रदेश सरकार अपने यहां लागू कर चुके है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के बाद अब इसे बिहार में लागू किया गया है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, February 1, 2014, 23:10

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