नीतीश का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान: 576 भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी नपेंगे

नीतीश का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान: 576 भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी नपेंगे

नीतीश का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान: 576 भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी नपेंगे पटना : बिहार के मख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग को और तेज करने के लिए निगरानी तंत्र को सीबीआई की तरह मजबूत किये जाने पर जोर दिया है।

मुख्यमंत्री सचिवालय में भ्रष्टाचार से संबंधित बुधवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान विभागों प्रधान, जिलाधिकारियों एवं आरक्षी अधीक्षकों को नीतीश ने भ्रष्ट पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई करने और उन्हें दो महीने के भीतर बर्खास्‍त किए जाने का निर्देश दिया।

नीतीश ने आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी जंग का प्रभाव होने से इंकार करते हुए पिछले सोमवार को कहा था कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जीरो टॉलरेंस नीति अपना रखी है तथा शुरू से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग छेडे हुए है। बैठक के बाद मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने पत्रकारों का संबोधित करते हुए बताया कि दो महीने के अंदर तीन सौ से अधिक भ्रष्ट पदाधिकारी एवं कर्मी भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्‍त होंगे, तब जनता में एक संदेश जाएगा। इससे भ्रष्ट लोगों के मन में डर पैदा होगा। उन्होंने कहा कि 576 भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर बर्खास्‍तगी की तलवार लटक रही है।

सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अगर ट्रैप मामले में पकडे गये भ्रष्ट पदाधिकारी अदालत से बरी हो जाते है तो फिर से विभागीय प्रधान निलंबित करें तथा मिस कंडक्ट के मामले को तार्किक परिणति तक पहुंचाते हुये ऐसे लोकसेवकों को बख्रास्त करें। किसी तरह की प्रक्रियात्मक त्रुटि न रहे।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बिहार में विजिलेंस सिस्टम को सीबीआई की तरह मजबूत किया जायेगा जिसके लिए सेवानिवृत पदाधिकारियों से सेवा ली जायेगी। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे हर सप्ताह भ्रष्टाचार एवं ट्रैप के मामले में विभागीय कार्यवाही का अनुश्रवण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय और आपराधिक कार्यवाही एक साथ चल सकती है इसमें किसी तरह की बाधा नहीं है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी विभागों में एक विजिलेंस पदाधिकारी अधिसूचित होगा एवं जिला में एक सिविल सेवा के पदाधिकारी तथा एक पुलिस सेवा के पदाधिकारी विजिलेंस पदाधिकारी के रुप में अधिसूचित होंगे जो निगरानी आयुक्त के अधीन काम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये प्रशासनिक एवं प्रक्रियात्मक जो भी संशोधन हो सकता है उसे हम करेंगे। आर्थिक अपराध करने वाले दलालों एवं बिचौलियों के संगठित अपराध के विरुद्ध आर्थिक अपराध इकाई कार्रवाई कर रही है। भ्रष्ट आचरण से नाजायज संपत्ति अर्जित करनेवालों की संपत्ति जब्त हो रही है। मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि बिहार एक ऐसा राज्य है जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में संशोधन कर विशेष न्यायालय के गठन के साथ-साथ भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित अनुसंधान एवं विचरण की व्यवस्था को स्थापित किया गया है। कई भ्रष्ट सेवकों की संपत्ति जब्त की गयी है और उनके द्वारा भ्रष्ट तरीके से बनाए गए भवनों पर करीब एवं नि:शक्त बच्चों के लिये विदयालय खोले गए।

First Published: Thursday, January 16, 2014, 10:02

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