Last Updated: Monday, May 19, 2014, 08:57
ज़ी मीडिया ब्यूरोपटना: बिहार का सियासी ड्रामा अब भी जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायक दल का दोबारा नेता बनने से इनकार कर दिया है लेकिन बिहार में जदयू विधायक दल ने रविवार को एक बार फिर नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना। पार्टी के तमाम विधायक किसी दूसरे नाम पर विचार करने को भी तैयार नहीं हुए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने भाषण में जब मुख्यमंत्री पद पर बने रहने से इनकार कर दिया तो तमाम जदयू विधायक एक नेता एक निशान का नारा लगाते हुए वहीं धरना पर बैठ गए। विधायक दल नीतीश कुमार को नेता चुनने के फैसले पर अड़ा रहा।
इस बीच विधायकों की जिद पर नीतीश कुमार ने उनसे एक दिन का वक्त मांगा है। यानी अब सोमवार को दोबारा जदयू विधानमंडल दल की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री अपना फैसला सुनायेंगे। यानी आज मुमकिन है कि बिहार कि सियासी तस्वीर कुछ साफ हो सकती है।
इससे पहले के सियासी घटनाक्रम में बिहार में राजनीतिक उठापटक दूसरे दिन रविवार को भी जारी रही। राजद के तीन बागी विधायकों सम्राट चौधरी, जावेद इकबाल अंसारी और राम लषन राम रमण ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। रविवार के दिन ही स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने त्यागपत्र स्वीकार भी कर लिया। इसके साथ ही अलग गुट की मान्यता भी खत्म कर दी। विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी। यानी कुल मिलाकार जदयू सरकार और मजबूत हो गई। अब उसे सदन में कांग्रेस के साथ की जरूरत नहीं होगी।
हालांकि आंकड़ों की बात की जाए तो नीतीश बहुमत में है, विधानसभा में 243 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 122। बीजेपी से रिश्ते खत्म होने के बाद नीतीश के पास जेडीयू के 115 विधायकों के अलावा कांग्रेस के 4 और 4 निर्दलीयों का समर्थन है, यानि 123।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Monday, May 19, 2014, 08:57