Last Updated: Thursday, January 30, 2014, 10:52

पटना: जदयू के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने राज्यसभा का पुन: उम्मीदवार नहीं बनाए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बागी तेवर दिखाते हुए जदयू के टिकट पर चुनाव नहीं लडने की बात कही है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को लिखे पत्र में शिवानंद ने कहा कि उन्हें अखबारों में लोकसभा चुनाव लडने के संबंध में फैसला करने के लिए उन्हें अल्टीमेटम देने की खबर उनके हवाले से छपी है। इस खबर से वे स्तंभित हैं।
उन्होंने सिंह से कहा है कि उनकी स्मरण शक्ति पर उम्र का असर समय से पहले पडने लगा है। 22 जनवरी की रात आपने मुझे नीतीश कुमार फरमान सुनाया था कि बक्सर से चुनाव लडना है तो अविलंब मैंने आपको बता दिया कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा। शिवानंद ने अपने पत्र में नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो व्यक्ति उन्हें काटने के लिए बाकी दो निर्दोषों (साबिर अली और एन के सिंह) का भी राज्यसभा का पत्ता काट दे उसके टिकट पर चुनाव लडने की मुखर्ता कैसे कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी बात अगले दिन कर्पूरी जयंती के दौरान साबित हो गयी जब नीतीश ने अपने भाषण के दरम्यान चुनौती भरे लहजे में कहा कि जो लोग कहते हैं कि पार्टी कमजोर है वे चुनाव लडकर दिखायें। शिवानंद ने कहा कि जिस ढंग से पार्टी चलायी जा रही है उससे पार्टी कमजोर हो रही है ऐसा तो सिर्फ उन्होंने ही राजगीर की शिविर में कहा था। ऐसे में एन के सिंह और साबिर अली को चुनाव लडने के लिए क्यों कहा जा रहा है।
तिवारी ने कहा कि हद तो साबिर अली के मामले में हुई है। उसे तो रामविलास पासवान ने राज्यसभा में भेजा था। उनका तो वहीं कार्यकाल समाप्त हो रहा है। दोबारा राज्यसभा में उन्हें भेजा जाएगा इसी शर्त पर साबिर हम लोगों के साथ आये थे। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार पिछली बार नीतीश जब दिल्ली आए थे बिहार निवास में साबिर अली और एनके सिंह की मौजूदगी जब किसी ने नीतीश से पूछा कि साबिर जी का कार्यकाल तो समाप्त हो रहा है। अब इनका क्या होगा तो नीतीश ने सबके सामने कहा था कि साबिर जी दोबारा राज्यसभा जाएंगे।
शिवानंद ने आरोप लगाया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में साबिर का किस प्रकार से दोहन हुआ है यह बहुतों की जानकारी में है। जिसमें थोडी भी आदमीयत होगी वह उसके साथ इस प्रकार का व्यवहार कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि वे अच्छी तरह जानते हैं कि नीतीश जिताने के लिए नहीं उन्हें हराने के लिए चुनाव लडने को कह रहे हैं।
शिवानंद ने कहा कि राजग से जब हम लोग बाहर निकले थे उसी समय उन्होंने नीतीश को कहा था कि वे चुनाव लडना चाहते हैं। आप लडिए यह कहने में उस समय क्या दिक्कत थी। चुनाव लडने का फैसला सुनाने के लिए श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल का मंच क्यों चुना गया। फैसला सुनाने का जो अंदाज और तेवर था वह चुनाव जीताने वाला था या हराने वाला।
उन्होंने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से कहा है कि ऐसे में जब परसों दोबारा उन्होंने उनसे पूछा तो फिर उन्होंने लोकसभा चुनाव लडने इन्कार कर दिया था ऐसे में अल्टीमेटम वाली बात कहां से आ गयी, यह आश्चर्य है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 30, 2014, 10:30