Last Updated: Wednesday, December 25, 2013, 13:41

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंत्री पदों के मामले पर पार्टी में कोई भी दरार होने से इंकार करते हुए कहा कि पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिन्नी उन्हें शामिल न किए जाने से नाराज नहीं थे। संभावित मंत्रियों की सूची में अपना नाम न पाने पर लक्ष्मी नगर के विधायक बिन्नी केजरीवाल के घर में चल रही बैठक छोड़कर चले गए थे। इसके एक दिन बाद ही केजरीवाल ने कहा कि विधायक को मंत्री पद में कोई रचि नहीं थी।
केजरीवाल ने कहा, ‘बिन्नी कल शाम को मेरे पास आए थे। उन्होंने मुझे बताया कि वे मंत्री पद नहीं चाहते और वे यहां एक अभियान के लिए हैं। बिन्नी ने कहा कि उन्होंने मीडिया को बता दिया है कि वे नाराज नहीं हैं।’ बिन्नी ने अपनी ओर से कहा कि वे नाराज नहीं हैं और पार्टी में कोई दरार नहीं है।
बिन्नी नेबताया, ‘पार्टी और मेरे बीच कोई दरार नहीं है। ऐसा नहीं है कि मंत्री पद न मिलने पर मैं नाराज हुआ था।’ बिन्नी के कल पार्टी बैठक से उठकर चले जाने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह और कुमार विश्वास देर रात उनके घर गए और उसे मनाने की कोशिश की। लंबे समय तक चली मुलाकात के बाद सिंह और विश्वास बाहर आए और बोले, ‘कोई भी असहमति नहीं थी और यह सब मीडिया द्वारा ही पैदा किया गया था।’
उन्होंने कहा कि यह हमारी नियमित बैठक थी और हम विभिन्न अवसरों पर बैठकें करते रहे हैं। केजरीवाल ने कल अपने मंत्रियों के नाम तय कर किए थे। इन नामों में उनके विश्वसनीय मनीष सिसौदिया और पांच अन्य के नाम शामिल थे।
कल मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग को छह मंत्रियों की एक सूची भेजी है। इन नामों में पूर्व पत्रकार और पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले सिसौदिया, लोनिवि मंत्री राजकुमार चौहान को हराने वाली राखी बिरला, महिला और बाल विकास मंत्री किरण वालिया को हराने वाले सोमनाथ भारती, सौरभ भारद्वाज, गिरीश सोनी और सतेंद्र जैन के नाम हैं। पार्टी में तनाव की खबरों को खारिज करते हुए बिन्नी ने कहा कि सिंह और विश्वास के साथ उनकी मुलाकात एक ‘नियमित’ मुलाकात थी।
उन्होंने कहा कि मैं पार्टी से नाराज नहीं हूं। संजय और कुमार मुझसे मिलने के लिए आए थे और उन्होंने कुछ नियमित मुद्दों पर चर्चा की।’ मंत्री का पद न मिलने पर नाराजगी होने की बात से इंकार करते हुए बिन्नी ने कहा कि मेरी कोई मांग नहीं है और मैं कोई पद नहीं चाहता। मुझे जहां भी और जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, मैं उसे निभाउंगा।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं और अपने मंत्रिपरिषद का चयन उनका अधिकार है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें समझौते के रूप में संसदीय सचिव का पद दिया गया है तो बिन्नी ने कहा कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है। जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेसी पृष्ठभूमि से उन्हें नुकसान पहुंचा है तो बिन्नी ने कहा, अगर पृष्ठभूमि किसी के खिलाफ काम करती है तो यह बहुत ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है क्योंकि ‘आप’ एक नई पार्टी है और लगभग सभी लोग या तो कांग्रेस या फिर भाजपा से आए हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 25, 2013, 12:20