Last Updated: Tuesday, November 12, 2013, 17:40
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन के मेहरोत्रा ने नोएडा में फार्म हाउस आवंटन मामले में पूर्ववर्ती मायावती सरकार को क्लीनचिट देते हुए कहा है कि इस योजना में न ही कोई घोटाला हुआ है और न ही नियमों की अनदेखी।
प्रदेश में सपा सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद नोएडा में फार्म हाउस आवंटन में कथित अनियमितता की शिकायतें मिलने के बाद इसके तत्कालीन अध्यक्ष राकेश बहादुर द्वारा की गयी जांच में लगभग पांच हजार करोड़ रुपए के घोटाले की आशंका जताई गयी थी और उसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले वर्ष 31 अगस्त को यह जांच लोकायुक्त को सौंप दी थी।
लोकायुक्त मेहरोत्रा ने कल मुख्यमंत्री को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 1983 से लेकर अब तक बनाये गये नोएडा मास्टर प्लान में फार्म हाउस योजना अनुमन्य पायी गयी है और इसकी आवंटन प्रक्रिया में कोई भ्रष्टाचार अथवा अनियमितता नहीं मिली है।
उन्होंने कहा है कि फार्म हाउस आवंटन में किसी नियम अधिनियम के उल्लंघन के आरोप गलत पाये गये है और जिन अधिनियमों अथवा नियमों के उल्लंघन की बात कही गयी है, वे अस्तित्व में ही नहीं है।
इस उल्लेख के साथ कि नोएडा जैसे विकास प्राधिकरणों का गठन औद्योगिक क्षेत्र के नियोजित विकास के लिए किया गया है और इनकी कोई क्रिया लाभ अर्जित करने के लिए नहीं होती, लोकायुक्त ने प्राधिकरण के तत्कालीन अध्यक्ष राकेश बहादुर की जांच रिपोर्ट में तथाकथित हानि की गणना के लिए जिन भू मूल्य दरों को आधार बनाया गया, नोएडा के वित्त विभाग के अभिलेख उनकी पुष्टि नहीं करते।
उन्होंने कहा है कि फार्म हाउस के भू दर निर्धारित करने में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को देखते हुए प्राधिकरण को कोई आर्थिक हानि नहीं हुई है , इसलिए इसे घोटाला कहना सरासर गलत है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 12, 2013, 17:40