Last Updated: Tuesday, April 15, 2014, 21:33

नई दिल्ली : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद नोएडा प्राधिकरण ने रीयल एस्टेट फर्म सुपरटेक के दो 40 मंजिला टावर मंगलवार को सील कर दिए। इन टावरों में 800 से अधिक फ्लैट हैं।
सुपरटेक के इन दो टावरों अपेक्स व सेयेन में 857 अपार्टमेंट हैं जिसमें से 600 अपार्टमेंट बिक चुके हैं और ये कंपनी की एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 11 अप्रैल को नोएडा स्थित इन दो टावरों को ध्वस्त करने और अपार्टमेंट के खरीदारों को ब्याज सहित उनका धन वापस करने का आदेश दिया था। अदालत ने यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई के बाद दिया।
नोएडा प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अदालत के निर्देश के मुताबिक दो टावरों को सील कर दिया गया है।’ उच्च न्यायालय के इस निर्णय से आहत सुपरटेक ने अगले 7-10 दिन में उच्चतम न्यायालय में उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने की तैयारी की है। कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक आर.के. अरोड़ा ने सोमवार को यह बात कही थी।
अरोड़ा का कहना है कि इन टावरों का निर्माण, पहले से मंजूर योजना के मुताबिक किया गया और कंपनी इसके लिए अधिकृत थी। फैसले से प्रभावित सैकड़ों खरीदारों ने इस सप्ताह की शुरुआत में कंपनी और उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
अरोड़ा ने कहा, ‘हमने प्रभावित खरीदारों के साथ एक बैठक की। कोई भी रिफंड नहीं चाहता। वे केवल अपना फ्लैट चाहते हैं।’ न्यायमूर्ति वीके शुक्ला और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने नोएडा के सेक्टर 93-ए में स्थित इन दो टावरों को ध्वस्त करने और टावरों में निवेश करने वाले सभी लोगों को सालाना 14 प्रतिशत की चक्रवृद्धि ब्याज के साथ उनका धन लौटाने का आदेश दिया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 15, 2014, 21:33