पूर्वोत्तर बना छिपकली की तस्करी का बड़ा अड्डा

पूर्वोत्तर बना छिपकली की तस्करी का बड़ा अड्डा

गुवाहाटी: पूर्वोत्तर राज्य पिछले एक साल में जेको छिपकली की तस्करी के एक बड़े अड्डे के रूप में उभरे हैं । यह मामला हाल में एक पूर्व उग्रवादी नेता सहित कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद प्रकाश में आया ।

वन्यजीव तस्कर आम तौर पर गेंडों, बाघों और हाथियों को अपना शिकार बनाते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में असम में दीमा हालम दाओगा के प्रमुख दिलीप नुनिसा सहित 10 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी से जेको छिपकली की तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पता चला है ।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नुनिसा को दो अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था । उसके पास से जेको छिपकली बरामद हुई थी । इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद दस से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए ।

उन्होंने बताया कि नुनिसा से पूछताछ में इस छिपकली की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत के बारे में पता चला । इसकी कीमत 25 लाख रूपये से लेकर करीब एक करोड़ रूपये तक है ।

पूर्वोत्तर के राज्य असम, मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम पिछले एक साल में जेको की तस्करी का एक बड़ा केंद्र बन गए हैं । इसकी तस्करी के लिए म्यामां एक बड़ा मार्ग है जहां से इसे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में भेजा जाता है।

म्यामां आधारित तस्कर इस काम में बिचौलिए की भूमिका निभाते हैं और वे चीन, इंडोनेशिया, फिलीपीन तथा अन्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों को इसकी तस्करी करते हैं ।

वन्यजीव विशेषज्ञ सौम्यदीप दत्ता ने कहा कि म्यामां और अन्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों से जेको लगभग विलुप्त हो चुकी हैं । उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय तस्करों ने अब अपनी नजरें भारत पर टिका दी हैं और यदि सरकार ने अभी से कार्रवाई शुरू नहीं की तो क्षेत्र से जेको समाप्त हो जाएंगी । (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 14, 2013, 11:10

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