मैं अपदस्थ होने की कोशिश नहीं कर रहा, यह धारण गलत: केजरीवाल

मैं अपदस्थ होने की कोशिश नहीं कर रहा, यह धारण गलत: केजरीवाल

मैं अपदस्थ होने की कोशिश नहीं कर रहा, यह धारण गलत: केजरीवाल नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार रोधी विधेयक पर कांग्रेस पार्टी के साथ अपनी तकरार बढ़ने के बीच कहा है कि वह अपदस्थ होने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी की अल्पमत की सरकार का नेतृत्व कर रहे केजरीवाल ने धमकी दी है कि यदि वह अपने जनलोकपाल विधेयक को राज्य विधानसभा में पारित कराने में सक्षम नहीं होंगे तो इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की पूर्व मंजूरी लेने से इनकार कर दिया है, जैसा कि कांग्रेस मांग कर रही है। ‘आप’ सरकार कांग्रेस के समर्थन पर टिकी हुई है।

लोकसभा चुनाव से पहले अपने पद से इस्तीफा देने की मीडिया में लगाई जा रही अटकलों का जवाब देते हुए केजरीवाल ने शनिवार को कहा था कि यह गलत धारणा है। उन्होंने कहा कि मैं अपदस्थ होने की कोशिश नहीं कर रहा, यह गलत धारणा है। मैं अपना काम कर रहा हूं। हम दिन रात काम कर रहे हैं और बहुत मेहनत कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें अपनी सरकार की चिंता नहीं है। मुझे अपनी सरकार की चिंता नहीं है। यह आखिरी चीज है जो मेरे मन में है। यदि सरकार कल गिरने वाली है तो वह आज ही गिर जाए। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के किसी भी समय समर्थन वापस ले लेने की बात को लेकर वह परेशान हैं, उन्होंने जवाब दिया कि यह उनकी (कांग्रेस की) परेशानी है। यदि उन्हें परेशानी है तो वे हमें समर्थन क्यों दे रहे हैं? अपने कुछ कार्यों से कांग्रेस को समर्थन वापस लेने के लिए उकसाने की धारणा का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि नहीं, मैं ऐसा क्यों करूंगा?

आप नेता ने कहा कि उन्हें पहले से पता है कि हम यह करेंगे। यदि उन्हें लगता है कि हम पिछली (कांग्रेस) सरकार के भ्रष्टाचार की फाइलों को नहीं खोलेंगे और हम उनकी जांच नहीं करेंगे तो यह उनकी गलती है क्योंकि उन्हें नहीं पता कि वे किसे समर्थन दे रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के उस प्रत्येक मामले की जांच कराएगी, जो शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल के कांग्रेेस के शासन काल में हुआ होगा। उन्होंने खुद को एक मामूली आदमी बताते हुए कहा कि वह और उनके सहकर्मी देश को भ्रष्टाचार से छुटकारा दिलाने के लिए राजनीति में आए हैं। उनके अधिकतर कर्मचारी प्रतीक के तौर पर एक रूपये का वेतन ले रहे हैं।

केजरीवाल ने कहा कि मैं यह कहने की कोशिश कर रहा हूं कि हमारे साथ आए सभी लोग देश के लिए काम कर रहे हैं ना कि सत्ता के लिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह नहीं चाहते कि आप सत्ता का केंद्र बने। लंबी अवधि में आप अस्तित्व में नहीं रहेगी। जब हम अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे तो इसका अस्तित्व रहीं रहेगा। केजरीवाल ने मीडिया के एक बड़े हिस्से की आलोचना की और कहा कि मीडिया संगठनों को मिल रहे धन में पारदर्शिता आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि साधारण पत्रकार बहुत अच्छे हैं। संवाददाता स्तर पर, मध्य स्तर पर, हर किसी में देशभक्ति है। कई मीडिया संगठनों में धन ने अहम भूमिका निभाई है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने सुना है कि बड़े औद्योगिक घरानों की कुछ टीवी चैनलों में बहुत अधिक हिस्सेदारी है। इस बात का खुलासा होना चाहिए कि किस चैनल में किसकी कितनी हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि दूसरा बिंदू मीडिया का राजनीतिक झुकाव है। यदि एक चैनल के मालिक कांग्रेस के एक सांसद हैं तो सिगरेट के पैकेट पर लिखी कानूनी चेतावनी जैसी चेतावनी चैनल पर भी दिखाई जानी चाहिए कि इस चैनल का मालिक यह राजनीतिक पार्टी है ताकि लोग यह फैसला करें कि वे इसे देखना चाहेंगे कि नहीं।

First Published: Monday, February 10, 2014, 19:23

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