Last Updated: Sunday, January 5, 2014, 21:00
जम्मू : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज अफसोस जाहिर किया कि उनकी सरकार घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी सुनिश्चित करने में सफल नहीं रही। हालांकि उन्होंने उन लोगों में ‘सुरक्षा की भावना’ पैदा करने का वायदा किया ताकि वे इच्छापूर्वक अपने घरों को लौट सकें।
विस्थापित कश्मीरी पंडितों के एक युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कोई भी आपको कश्मीरी घाटी में जबरन वापस नहीं ला सकता, लेकिन हम (सरकार के लोग) आपको सुरक्षा की भावना देना चाहते हैं।’ उमर ने कहा, ‘आप लाखों की संख्या में घर छोड़ कर गए थे। 50 से 100 लोगों की वापसी, वह भी रोजगार के लिए, को वापसी नहीं कहा जा सकता। हम उसके लिए अपनी पीठ नहीं थपथपा सकते।’
उन्होंने कहा, ‘कश्मीरी पंडितों के बिना कश्मीर अपूर्ण है।’ उमर ने यूथ आल इंडिया कश्मीरी समाज (वाईएआईकेएस) के सम्मेलन में कहा, ‘आपको (कश्मीरी पंडितों) कश्मीर घाटी छोड़ने के लिए बाध्य किया गया। इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। आपसे सुरक्षा की भावना छीन ली गयी। आपको कोई भी जबरन घाटी में वापस नहीं लिया जा सकता।’
उमर ने कहा, ‘हम आपको सिर्फ सुरक्षा की भावना दे सकते हैं तथा यह मेरे और मेरे सहयोगियों का प्रयास आपको सुरक्षा की भावना देने का है। लेकिन हम अब तक इसमें सफल नहीं हो सके हैं..।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 5, 2014, 20:59