Last Updated: Thursday, November 14, 2013, 20:12
चंडीगढ़ : आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के पद का प्रभार अस्थायी रूप से दूसरे को सौंपने की अपनी घोषणा को लेकर आलोचना से घिरी हरियाणा सरकार ने आज सफाई दी कि यह आदेश केवल तभी प्रभावी होगा जब वह चुनाव ड्यटी पर होंगे।
मुख्य सचिव पीके चौधरी ने आज एक सरकारी बयान के माध्यम से यह सफाई दी। बयान में कहा गया है कि सात आईएएस अधिकारी एवं एक एचसीएस अधिकारी चुनाव ड्यूटी के लिए नामित किए गए हैं, ऐसे में उनके पास जो दायित्व था, वह अन्य अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार के रूप में सौंपा गया।
बयान के अनुसार अधिकारियों को केवल अतिरिक्त प्रभार दिया गया है और वह केवल तब तक प्रभावी रहेगा जब तक खेमका एवं छह अन्य आईएएस अधिकारी एवं एक एचसीएस अधिकारी चुनाव ड्यूटी पर रहेंगे। पिछले साल बतौर हरियाणा के टाउन एवं कंट्री प्लानिंग प्रमुख रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ सौदे का ‘दाखिल खारिज’ रद्द कर सुखिर्यों में आने वाले खेमका ने कल कहा था कि वह किसी चुनाव ड्यूटी पर नहीं गए हैं अतएव उन्होंने अपना वर्तमान प्रभार किसी को नहीं सौंपा है।
प्रशासन में मंगलवार को घोषित मामूली फेरबदल के तहत हरियाणा सरकार ने खेमका के चुनाव ड्यूटी पर रहने के दौरान हरियाणा प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव प्रदीप कासनी की हरियाणा अभिलेख विभाग के सचिव एवं अभिलेख महानिदेशक के रूप में तैनाती का एलान किया था जो उनके पास उनकी वर्तमान ड्यूटी के अलावा होगा। खेमका ने कल संवाददाताओं से कहा था कि वह पिछले शनिवार से कल तक छुट्टी पर थे और उन्होंने कभी अपना प्रभार नहीं छोड़ा, एवं वाकई वह ड्यूटी पर लौट आए हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 14, 2013, 20:12