`ऑडिट में सहयोग न करने पर रद्द होगा बिजली कंपनियों का लाइसेंस`

`ऑडिट में सहयोग न करने पर रद्द होगा बिजली कंपनियों का लाइसेंस`

`ऑडिट में सहयोग न करने पर रद्द होगा बिजली कंपनियों का लाइसेंस` ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से ऑडिट कराने में सहयोग को लेकर ना-नूकुर कर रही निजी बिजली कंपनियों को दिल्ली सरकार ने सोमवार को चेतावनी दी। दिल्ली सरकार ने कहा कि कैग की ऑडिट में बिजली कंपनियों को सहयोग देना चाहिए और यदि वे ऑडिट में सहयोग नहीं करतीं तो उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए उप राज्यपाल ने कहा, "बिजली कंपनियों की कैग से जांच कराई जा रही है और बिजली कंपनियों को इसमें सहयोग करना होगा।"

उन्होंने कहा, "कैग तब से इन कंपनियों की जांच करेगा जब से बिजली के वितरण का निजीकरण हुआ है। जो कंपनियां जांच प्रक्रिया में सहयोग नहीं करेंगी उनका लाइसेंस निरस्त हो सकता है।`

कंपनियां अपने खातों की जांच कैग से कराए जाने का पुरजोर विरोध कर रही हैं। जंग ने यह भी कहा कि सरकार बिजली मीटर जांच करने को प्रतिबद्ध है क्योंकि मीटरों के तेजी से चलने को लेकर शिकायतें हैं। अपने संबोधन में जंग ने सरकारी कामकाज में सुधार लाने तथा नागरिकों एवं सरकार के बीच अंतर पाटने का भी वादा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार उन सभी विशेषाधिकार और शक्तियों को खत्म करेगी जो नागरिकों तथा सरकार के बीच अंतर पैदा करती है। कोई मंत्री या विधायक लाल बत्ती का उपयोग नहीं करेंगे। विशेष सुरक्षा नहीं लिया जाएगा।’’ जंग ने कहा, ‘‘हम सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए सभी कदम उठाएंगे। जिस लोकपाल विधेयक के लिये अन्ना हजारे ने अनशन किया, उसे तेजी से पारित कराना सरकार की प्राथमिकता है।’’

दिल्ली में वर्ष 2002 में बिजली का निजीकरण हुआ था। आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले हफ्ते बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और टाटा पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के खातों की कैग से जांच का आदेश दिया था।

First Published: Monday, January 6, 2014, 20:31

comments powered by Disqus