Last Updated: Thursday, February 20, 2014, 22:28
नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन द्वारा मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की अनुशंसा के कारण अब वहां राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
आंध्र प्रदेश का अब चूंकि विभाजन होने जा रहा है, ऐसे में राज्य में पिछले दस साल से सत्तारूढ कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के लिये कोई और उम्मीदवार तय किये जाने की संभावना नहीं दिखायी पडती।
रेड्डी ने आंध्र प्रदेश को विभाजित कर तेलंगाना राज्य का गठन किये जाने के विरोध में मुख्यमंत्री पद, राज्य विधानसभा और कांग्रेस पार्टी तीनों से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने कहा कि चूंकि अब लोकसभा चुनावों के साथ ही आंध्र प्रदेश और प्रस्तावित तेलंगाना राज्य विधानसभाओं के लिय चुनाव होने हैं, इसलिये केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने की राज्यपाल की सिफारिश मान लेने का अनुमान है। लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राज्यपाल ने विधानसभा को भंग करने सिफारिश की है या उसे निलंबित रखने की।
केन्द्रीय कैबिनेट की अगली बैठक में आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के बारे में फैसला लिया जायेगा और मंत्रिमंडल की सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेजी जाएगी। आंध्र प्रदेश को विभाजित कर देश का 29वें राज्य तेलंगाना के गठन संबन्धी विधयेक लोकसभा ने मंगलवार को पारित कर दिया है जबकि राज्यसभा में आज यह लाया गया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 20, 2014, 22:28