Last Updated: Monday, October 7, 2013, 18:56
न्यूयॉर्क : मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारतीय अधिकारियों को उत्तर प्रदेश में सामुदायिक हिंसा के दौरान हुए यौन उत्पीड़न और सामूहिक दुष्कर्म के आरोपों सहित सभी अपराधों की उचित ढंग से जांच करानी चाहिए। एचआरडब्ल्यू ने कहा कि दंगों के कारण विस्थापित हुए लोगों के लिए अधिकारियों को शीघ्र ही राहत, वापसी या पुनर्वास और मुआवजे की व्यवस्था भी करनी चाहिए। दंगों की जांच और अभियोजन के लिए सुरक्षित माहौल बनाना होगा। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में सामुदायिक हिंसा के दौरान यौन उत्पीड़न की बातें सामने आई हैं।
गौरतलब है कि सितंबर में हुए सामुदायिक दंगों में लगभग 50 लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोग विस्थापित हो गए थे। कुछ लड़कियों सहित बहुत से लोग अभी भी लापता हैं। पुलिस ने अभी तक सामूहिक दुष्कर्म के पांच और यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज किए हैं।
दंगा प्रभावित समुदायों का दौरा करने वाले भारतीय कार्यकर्ताओं के मुताबिक अन्य मुस्लिम महिलाएं भी दुष्कर्म सहित यौन उत्पीड़न का शिकार हुई होंगी लेकिन बदनामी के डर से उन्होंने शिकायत नहीं दर्ज कराई है। शिकायत दर्ज न कराने के कारण वे यौन हिंसा पीड़ितों को मिलने वाली मनोवैज्ञानिक सलाह, कानूनी सहायता, आपातकालीन चिकित्सकीय देखभाल और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं जैसी सुविधाओं का उपयोग नहीं कर पा रही हैं।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है जिससे पीड़ित लोग न्याय के लिए आगे आ सकें। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 7, 2013, 18:56