Last Updated: Sunday, November 10, 2013, 19:02
जोधपुर : राजस्थानी लेखक विजयदान देथा का आज दिल का दौरा पड़ने से बोरंदा गांव में निधन हो गया। उन्होंने राजस्थान की लोक कथाओं को पहचान और आधुनिक स्वरूप प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई थी। 87 वर्षीय देथा के परिवार में तीन पुत्र और एक पुत्री हैं। ‘बिज्जी’ के नाम से लोकप्रिय रहे देथा जीवनभर जोधपुर के पास अपने गांव बोरंदा में ही रहे और उन्होंने अपने सामने आए कई अवसरों को ठुकरा दिया।
राजस्थान की लोक कथाओं को नयी पहचान दिलाने वाले देथा को 800 से अधिक लघु कथाएं लिखने का श्रेय प्राप्त है। उनके करीबी रहे विनोद विट्ठल ने कहा, उन्होंने इन कथाओं को दस्तावेजी स्वरूप दिया। साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता देथा को लोक कथाओं में उनके योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था और पिछले साल उन्हें राजस्थान रत्न पुरस्कार से विभूषित किया गया था।
उनकी कहानी ‘दुविधा’ पर आधारित फिल्म ‘पहेली’ उनकी रचना पर बनी अंतिम फिल्म थी। रंगकर्मी हबीब तनवीर ने देथा की लोकप्रिय कहानी ‘चरणदास चोर’ को नाटक का स्वरूप प्रदान किया था और श्याम बेनेगल ने इस पर एक फिल्म भी बनाई थी। मणि कौल और प्रकाश झा जैसे दिग्गजों ने भी देथा की रचनाओं को बड़े पर्दे पर उतारा था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 10, 2013, 19:02