तेलंगाना क्षेत्र में बंद से राज्य में जनजीवन ठप

तेलंगाना क्षेत्र में बंद से राज्य में जनजीवन ठप

हैदराबाद: केंद्र सरकार के कथित रायल-तेलंगाना राज्य के गठन के प्रस्ताव की खबर के बीच तेलंगाना में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया है। क्षेत्र के 10 जिलों परिवहन सेवा ठप पड़ गई है, जबकि दुकानें, व्यावसायिक केंद्र और शिक्षण संस्थान बंद हैं। बंद का राजधानी हैदराबाद में हल्का असर देखा गया।

आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की 3,000 से अधिक बसें सड़कों से नदारद हैं, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। मेडक, करीमनगर, निजामाबाद, अदिलाबाद, नलगोंडा, महबूबनगर, वारंगल और अन्य जिलों के विभिन्न हिस्से में दुकानें और व्यावसायिक केंद्र स्वेच्छापूर्वक बंद कर दिए गए थे।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), तेलंगाना ज्वाइंट एक्शन कमिटी (टीजेएसी), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और एपीएसआरटीसी के हड़ताली कर्मचारी बस डिपो के बाहर सुबह से धरने पर बैठ गए और वाहनों को बाहर नहीं निकलने दिया।

टीआरएस से जुड़े श्रमिक संगठनों के कर्मचारियों के काम नहीं करने से राज्य सरकार की सिंगारेनी कोलियरीज कंपनी में काम प्रभावित हुआ। खम्मम, वारंगल, करीमनगर और अदिलाबाद जिले में स्थित कोयला खादानों में काम प्रभावित हो गया। पुलिस ने हैदराबाद और तेलंगाना में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक हिंसा की कोई खबर नहीं है।

टीआरएस ने रायलसीमा के दो या चार जिलों को तेलंगाना में शामिल कर रायल-तेलंगाना राज्य बनाने के सरकार के प्रस्ताव का विरोध करते हुए बंद का आह्वान किया है। टीजेएसी, भाजपा, भाकपा और अन्य ने इस बंद का समर्थन किया है। ये तेलंगाना में सिर्फ 10 जिलों को चाहते हैं जो प्रस्ताव कांग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रखा था।

आंध्र प्रदेश के विभाजन पर विचार-विमर्श के लिए गठित मंत्री समूह ने रायल-तेलंगाना का प्रस्ताव रखा है। केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बुधवार रात इसे अंतिम रूप दिया है। शिंदे ने कहा है कि जीओएम की सिफारिश पर गुरुवार शाम को केबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 5, 2013, 15:41

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