Last Updated: Wednesday, April 16, 2014, 18:34
नई दिल्ली : दिल्ली से 12वीं कक्षा पास करने वाले छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दाखिले में 85 प्रतिशत आरक्षण देने के तत्कालीन प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को डीयू प्रशासन ने अस्वीकार करते हुए कहा है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते इस प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया जा सकता। दिल्ली में पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में इस विषय को प्रमुखता से उठाया गया था।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक पंजीयक (अकादमी) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, इसलिए डीयू के कालेजों में दिल्ली के स्कूलों से 12वीं कक्षा पास करने वाले छात्रों के दाखिले के लिए आरक्षण का आपका (दिल्ली सरकार) प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जा सकता।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले इस विषय को कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी ने उठाया था। चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि यह जरूरी है कि दिल्ली के हाई स्कूलों से कालेज जाने वाले हर छात्र को शहर में उपलब्ध उच्च शिक्षा हासिल करने का मौका मिले। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मुख्य सचिव आर के वर्मा ने 25 फरवरी 2014 को डीयू को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें दिल्ली में वित्त पोषित कालेजों में दिल्ली के छात्रों को दाखिले में आरक्षण की व्यवस्था करने की बात कही गई थी।
दिल्ली सरकार के प्रस्ताव में कहा गया था कि दिल्ली के स्कूलों से उच्च माध्यमिक परीक्षा पास करने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में संस्थाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली से बाहर दूसरे क्षेत्रों में जाना पड़ता है, जिससे छात्रों के अभिभावकों पर अतिरिक्त खर्च का भार पड़ता है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 16, 2014, 18:34