Last Updated: Wednesday, January 15, 2014, 20:50
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय से कहा कि नर्सरी में दाखिला तभी शुरू होगा जब गैर सरकारी सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की याचिका पर आदेश आ जाएगा। इस याचिका में नए दाखिला दिशा-निर्देशों को चुनौती दी गई है और इसे ‘शिक्षा व्यवस्था का राष्ट्रीयकरण’ किया जाना बताया गया है।
न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ से दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि नर्सरी में दाखिला तब तक शुरू नहीं होगा जब तक अदालत एक्शन कमेटी अनएडेड रिकॉगनाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स की याचिका पर आदेश देगी।
तीन घंटे से अधिक समय तक चली दलीलों के दौरान सरकार ने हालांकि दावा किया कि उपराज्यपाल की ओर से जारी नर्सरी दाखिला दिशा-निर्देश जिसमें पड़ोस के बच्चों को 70 अंक और 20 फीसदी प्रबंधन कोटा को खत्म करना ‘विशिष्ट वर्गीयता के खिलाफ और सात साल के तर्कसंगत अंतराल के बाद सोच-समझकर यह फैसला सुनाया गया है और उसे मौका दिया जाना चाहिए।’
एक्शन कमेटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने कहा, ‘रातों-रात सरकार ने मानदंडों को सीमित कर दिया है जो सात साल से थे। उसमें विभिन्न मानदंडों के लिए अंक आवंटित थे। स्कूल के लिए क्या छोड़ा गया है। हम किस चीज के लिए स्कूल चला रहे हैं। सरकार ने सबकुछ सीमित कर दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘नए दिशा-निर्देश का आशय गैर सरकारी सहायता प्राप्त निजी स्कूलों का राष्ट्रीयकरण करना है। हमने स्कूल खोलकर, अच्छी शिक्षा देकर ऐसे समय में राष्ट्र की सेवा की है जब सरकार इसमें विफल रही।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 15, 2014, 20:50