Last Updated: Thursday, May 22, 2014, 14:43
ज़ी मीडिया ब्यूरो पटना/नई दिल्ली : बिहार में जीतन राम मांझी की नई सरकार ने विश्वासमत हासिल करने के लिए आगामी 23 मई को बिहार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय किया है। इस बीच, लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने गुरुवार को बिहार में जीतन राम मांझी की नई जेडीयू सरकार को समर्थन देने की घोषणा की है।
इस घटनाक्रम को मोदी लहर का असर कहें या तथाकथित धर्मनिरपेक्ष ताकतों की गोलबंदी, करीब बीस साल बाद एक-दूसरे के धुर विरोधी नेता नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव फिर साथ आ रहे हैं।
गौर हो कि लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार को देखते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जेडीयू के जीतन राम मांझी बिहार के नए मुख्यमंत्री बने। इस समय विधानसभा में जेडीयू की सरकार अल्पमत में है और अब तक विपक्षी पार्टी की जिम्मेदारी निभा रही आरजेडी ने उसे बाहर से समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। आरजेडी विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग के दौरान जेडीयू का बिना शर्त समर्थन करेगी।
शुक्रवार को बिहार विधानसभा में नए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को विश्वास मत हासिल करना है। 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में जेडीयू के पास 115 विधायक हैं। इसके अलावा उसे 4 कांग्रेस और 4 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। अब आरजेडी के 21 विधायक भी जेडीयू के साथ हैं।
उधर, लालू प्रसाद यादव ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से बाहर रखने के लिए उन्होंने ये फैसला किया है। ये अवसरवाद नहीं बल्कि बीजेपी से लड़ने का संकल्प है। क्या ये संकल्प बिहार के विधानसभा चुनावों में भी जारी रहेगा इस सवाल पर लालू ने कहा कि देखिए और इंतजार कीजिए।
गौर हो कि पिछले वर्ष 16 जून को जदयू के भाजपा से नाता तोड़ लिए जाने पर 19 जून को बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के विश्वास मत हासिल करने के समय कांग्रेस विधायकों ने जदयू सरकार का समर्थन किया था और उसके इन सभी चार विधायकों ने फिर राज्यपाल डा. डीवाई पाटिल को मांझी सरकार को बिना शर्त समर्थन देने का पत्र सौंप दिया। 237 सदस्यीय बिहार विधानसभा में भाजपा के 88 विधायक और राजद के 21 विधायक हैं।
First Published: Thursday, May 22, 2014, 14:43