Last Updated: Friday, January 24, 2014, 22:46
पंचकुला : समझौता एक्सप्रेस विस्फोटों के सात साल बाद यहां की एक अदालत ने दक्षिणपंथी हिंदूवादी कार्यकर्ता स्वामी असीमानंद और तीन अन्य के खिलाफ हत्या, राजद्रोह और अन्य आरोपों के लिए अभियोग तय किये और मामले में मुकदमा चलाने का रास्ता साफ कर दिया।
सीबीआई के वकील आर के हांडा ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुरबिंदर कौर ने असीमानंद और सह आरोपियों कमल चंद, राजिंदर चौधरी और लोकेश शर्मा के खिलाफ आरोप तय किए। ये लोग अदालत में मौजूद थे।
चारों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 (आपराधिक साजिश), धारा 302 (हत्या), धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 324 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), धारा 327 (संपत्ति हासिल करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाने) और 124 ए (राजद्रोह) समेत 18 अपराधों के लिए आरोप लगाए गए हैं।
हांडा ने कहा कि वे रेलवे अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति क्षति निरोधक अधिनियम और गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत भी आरोपों का सामना करेंगे। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 और 25 फरवरी को निर्धारित की गई है। दिल्ली से लाहौर के बीच चलने वाले समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को दो सूटकेस बम फटे थे जिसमें 68 लोग मारे गए थे। मरने वालों में ज्यादातर पाकिस्तानी थे। 30 दिसंबर 2010 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया था कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि असीमानंद विस्फोटों के मुख्य षड्यंत्रकारी थे।
एनआईए ने 2010 में जांच की जिम्मेदारी संभाली थी। उसने पिछले साल जून में आरोप पत्र दायर किया था। पंचकूला की विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोप पत्र में एनआईए ने असीमानंद, सुनील जोशी (अब मृत), लोकेश शर्मा, संदीप डांगे और रामचंद्र कलासांगरा उर्फ रामजी पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया था जिसके तहत विस्फोटों को अंजाम दिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 24, 2014, 22:46