सारदा चिटफंड घोटाले की CBI जांच के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश

सारदा चिटफंड घोटाले की CBI जांच के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश

सारदा चिटफंड घोटाले की CBI जांच के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेशज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में सारदा चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआई यानी केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि सारदा चिट फंड घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगा। न्यायालय के इस फैसले को पश्चिम बंगाल सरकार के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। न्यायालय ने सीबीआई को ओडिशा में पोंजी स्कीम घोटाले की जांच भी करने के लिए कहा। कोर्ट ने सीबीआई को कथित रूप से चिटफंड घोटालों में शामिल पश्चिम बंगाल की सारदा कंपनी और ओडिशा की 44 अन्य फर्मों के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जांच एजेंसी पश्चिम बंगाल में श्रद्धा के अतिरिक्त चिट फंड घोटाले में शामिल किसी अन्य पोंजी स्कीम की भी जांच करेगी। सीबीआई को इन मामलों की जांच सौंपते हुए न्यायालय ने यह भी कहा कि इस मामले की पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से हो रही जांच में अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है।

न्यायालय ने सीबीआई से चिट फंड घोटाले में धन की हेराफेरी की जांच करने के लिए भी कहा। न्यायालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस इस मामले में षड्यंत्र, धन के हेरफेर तथा घोटाले से संबंधित संपत्ति को जब्त करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं कर पाई है।

सारदा चिटफंड कम्पनी के अध्यक्ष सुदीप्त सेन इस घोटाले के मुख्य आरोपी है जिन्हें कम्पनी के दो अन्य अधिकारियों के साथ कश्मीर घाटी से गिरफ्तार किया गया था। सारदा कम्पनी ने पश्चिम बंगाल के हजारों निवेशकों से कथित रूप से धोखाधड़ी की है।

कथित तौर पर 30 हजार करोड का ये घोटाला अप्रैल 2013 में सामने आया था। आरोप है कि सारदा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया। घोटाले के खुलासे के बाद जब एजेंटों से निवेशकों ने पैसे मांगने शुरू किये तो कई एजेंटों ने जान तक दे दी थी। इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठे थे।

सारदा समूह द्वारा 10 लाख से अधिक निवेशकों को ठगने का अनुमान है। इस घोटाले से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की संभावना है। अप्रैल में बालासोर और ओडिशा में सैकड़ों निवेशकों ने समूह पर आरोप लगाया था कि उच्च लाभ का वादा कर उनसे पैसा लिया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया। इसके बाद ओडिशा में इस मामले की जांच शुरू हुई थी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)


First Published: Friday, May 9, 2014, 11:12

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