आप की अर्जी पर SC ने कांग्रेस-भाजपा से मांगा जवाब

आप की अर्जी पर SC ने कांग्रेस-भाजपा से मांगा जवाब

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में आम पार्टी की सरकार के इस्तीफे के बाद विधान सभा निलंबित रखने के मद्देनजर नई सरकार बनाने का दावा करने की संभावना के बारे में भाजपा और कांग्रेस को अपना पक्ष रखने के लिये सोमवार को दो सप्ताह का वक्त दिया।

न्यायमूर्ति आर एम लोढा और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस मामले को ‘अनिश्चित्ता में नहीं छोड़ा जा सकता।’’ न्यायाधीशों ने भाजपा और कांग्रेस को 17 अप्रैल तक अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

अरविन्द केजरीवाल की सरकार के पतन के बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू नहीं किये जाने को लेकर दायर आम आदमी पार्टी की याचिका में दलील दी है कि एक साल के लिये विधान सभा निलंबित रखने से खरीद फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा।

शीर्ष अदालत ने शुरू में दोनों दलों को इस मामले से अलग रखा था लेकिन बाद में न्यायालय ने जब यह पाया कि मुख्यमंत्री पद से अरविन्द केजरीवाल के इस्तीफे के बाद सरकार बनाने के सवाल पर भाजपा और कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है तो उसने उनका दृष्टिकोण जानने का निश्चय किया।

न्यायालय ने सात मार्च को आप और केन्द्र सरकार की दलीलों को ध्यान में रखते हुये यह जानना चाहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों के मद्देनजर विधान सभा को निलंबित रखने के लिये क्या दल बदल एक मुद्दा हो सकता है।

भाजपा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया और मुकुल रोहतगी ने कहा कि न्यायालय को आम चुनाव संपन्न होने तक प्रतीक्षा करनी चाहिए क्योंकि उस समय उपराज्यपाल यह आकलन करने के लिये बेहतर स्थिति में होंगे कि क्या कोई दल सरकार बनाने की स्थिति में हो सकता है। (एजेंसी)

First Published: Monday, March 31, 2014, 21:09

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