Last Updated: Wednesday, January 15, 2014, 16:28

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वीकार किया कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की परीक्षाओं के जरिये प्रदेश में एक हजार लोगों को फर्जी तरीके से नौकरियों में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने कहा कि इस घोटाले की जांच पारदर्शी तरीके से की जा रही है और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों न हो। मुख्यमंत्री ने सदन में राज्यपाल के कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव में हुई चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि वर्ष 2007 से व्यावसायिक परीक्षा मंडल के माध्यम से 1.47 लाख नियुक्तियां हुई हैं इनमें से अभी तक मात्र एक हजार नियुक्तियां फर्जी पाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में यह घोटाला सामने आने के बाद इसकी जांच कराई जा रही है। जांच में वर्ष 2006 से की गयी नियुक्तियों को दायरे में लिया गया है। चौहान ने कहा कि इस मामले में जितनी तत्परता से कार्रवाई की गयी है उतनी देश में कहीं नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ इस मामले की पूरी पारदर्शिता से काम कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि एक भी नियुक्ति गलत तरीके से होती है तो यह हमारे माथे पर कलंक है। उन्होंने इसे पैसों की खातिर नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली घिनौनी हरकत बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से करायी जा रही है और जिसने अपराध किया है उसे किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा।
कांग्रेस के मुकेश नायक ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग का मुख्यमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 15, 2014, 16:28