Last Updated: Sunday, December 22, 2013, 13:54
प्रवीण कुमारनई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार बनाने के संकेत तो दिए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा इसपर अंतिम फैसला उन्होंने आप के विधायकों पर छोड़ दिया है। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल विधायक दल के नेता चुने जा चुके हैं। जो व्यक्ति विधायक दल का नेता होता है आमतौर पर वही मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेता है, लेकिन अरविंद केजरीवाल का आज का यह बयान कि आप के विधायक तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा, साफ करता है कि कम से कम अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं। अगर सीधी बात करें तो अरविंद की नजर पीएम की कुर्सी पर है और इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पैठ बनानी होगी।
दिल्ली में सरकार बनाने या नहीं बनाने के लिए आम आदमी पार्टी ने जनमत संग्रह कराया है जिसका आज आखिरी दिन है। आप की हुई बैठकों में भी 80 फीसदी लोगों ने माना है कि पार्टी को सरकार बनानी चाहिए, भले ही उसे कांग्रेस से समर्थन क्यों न लेना पड़े। जहां तक मुख्यमंत्री बनाने का सवाल है तो आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का कहना है कि पार्टी के विधायक यह तय करेंगे कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद केजरीवाल का बयान यह संकेत जरूर देता है कि मुख्यमंत्री का पद अरविंद केजरीवाल नहीं संभालने जा रहे हैं।
अगर अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो जाहिर है पार्टी में दूसरे नंबर के नेता मनीष सिसौदिया का नाम आता है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक मनीष को सीएम बनाने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चूंकि अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का प्रचार-प्रसार करना है और दिल्ली का सीएम बनकर वह इस काम को बखूबी नहीं निभा पाएंगे। आप नेताओं ने इस बात को लेकर संदेह जताया है कि केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनवाकर कांग्रेस और भाजपा उनको दिल्ली तक सीमित रखना चाहती है। क्योंकि दिल्ली चुनाव में 28 सीट जीतने के बाद अरविंद की लोकप्रियता राष्ट्रीय स्तर पर जबरदस्त तरीके से बढ़ी है।
खुद केजरीवाल ने भी शुक्रवार को संकेत दिए थे कि अगर वह मुख्यमंत्री बने तो उनके देशव्यापी प्रचार-प्रसार की योजना प्रभावित हो सकती है। आप के नेता निजी तौर पर मानते हैं कि केजरीवाल को सिर्फ दिल्ली तक सीमित रखना आत्मघाती कदम होगा। अगर केजरीवाल मुख्यमंत्री बन गए तो वह कांग्रेस और भाजपा की उस तरह से आलोचना नहीं कर पाएंगे जिस तरह अब तक करते आए हैं।
केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया ही पार्टी में वरिष्ठ विधायक हैं। अगर आम आदमी पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करती है तो पार्टी को विधायक दल का नेता बदलना होगा। फिलहाल केजरीवाल विधायक दल के नेता हैं। शाजिया इल्मी और गोपाल राय चुनाव हार चुके हैं, जबकि संजय सिंह चुनाव नहीं लड़े थे। आप के संरक्षक की भूमिका में योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण कभी चुनाव नहीं लड़े हैं। इस तरह से केजरीवाल, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण तीनों राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की रणनीति बनाने के साथ दिल्ली में बनने वाली आप की सरकार पर भी नजर रख सकेंगे।
First Published: Sunday, December 22, 2013, 13:41