Last Updated: Wednesday, January 15, 2014, 13:23

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उप्र इकाई ने कहा है कि मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों को बुलाकर दर्द बांटने का ढोंग करने वाली अखिलेश सरकार वास्तव में अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश में जुटी है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने बुधवार को कहा कि अखिलेश सरकार की तुष्टीकरण नीतियों के कारण हालात खराब हुए हैं। प्रदेश की बदनामी हुई और हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि दंगों के आरोपियों से मजहबी आधार पर मुकदमा वापस लेने के प्रयास में जुटी अखिलेश सरकार जब पीड़ितों का दर्द जानने के लिए प्रतिनिधिमंडल बुलाकर मिलने का स्वांग भी करती है, तो केवल एक मजहब के लोगों को ही क्यों बुलाया गया।
पाठक ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों का प्रतिनिधिमंडल समाजवादी पार्टी (सपा) नेता के नेतृत्व में मुलायम सिंह यादव और प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिला। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि दंगा पीड़ित आज भी परेशान हैं। पाठक ने आरोप लगाया कि सरकार पहले भी दंगों के आरोपी मौलाना नजीर को राज्य अतिथि के रूप में बुलाकर मुजफ्फरनगर के हालात पर चर्चा कर चुकी है, पर जब तक उनकी नीयत और नीति ठीक नहीं होगी तब तक कुछ नहीं सुधरेगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत पहले दंगा पीड़ितों को धर्मों में बांटा गया अब वोट बैंक और चुनावी मुद्दा मानकर, सरकार उनका इस्तेमाल करने में जुटी है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि सैफई में 46 बार जाने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश और 51 बार जाने वाले शिवपाल यादव यह बताएं कि इतनी अलोचनाओं से घिरने के बाद वे कितनी बार मुजफ्फरनगर गए। दंगों के आरोपों की जद में आये मुजफ्फरनगर के प्रभारी-मंत्री आजम खान वहां का दौरा करने के बजाए विदेश गए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 15, 2014, 13:23