बिहार को विशेष दर्जा के लिए फिर से आंदोलन की राह पर नीतीश

बिहार को विशेष दर्जा के लिए फिर से आंदोलन की राह पर नीतीश

बिहार को विशेष दर्जा के लिए फिर से आंदोलन की राह पर नीतीशपटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर किये जाने वाले आंदोलन में भाजपा के साथ समर्थन के लेन-देन से इंकार किया। उन्होने केंद्र के कथित अन्याय और भेदभावपूर्ण नीति के विरोध में लोगों से 28 फरवरी की शाम को मशाल जुलूस, एक मार्च की सुबह प्रभात फेरी, उसी दिन शाम में थाली पीटकर तथा दो मार्च को आम हड़ताल कर अपना संकल्प और राय प्रकट करने की अपील की है।

जदयू, भाकपा और माकपा के प्रदेश नेताओं के साथ गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने केंद्र पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में इस प्रदेश के साथ अन्याय करने तथा भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया और लोगों से इसको लेकर अपना संकल्प और राय प्रकट करने के लिए आगामी 28 फरवरी की शाम में मशाल जुलूस, एक मार्च की सुबह प्रभात फेरी, उसी दिन शाम में थाली पीटकर तथा दो मार्च को आम हड़ताल करने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि एक मार्च की शाम 7.00 सात बजे से 7.05 बजे तक सभी परिवार के लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर थाली पीटकर प्रतिरोध जताएं और उससे निकली आवाज संवेद के रूप में प्रकट होकर दिल्ली में बैठे लोगों के कान तक पहुंचेगी जिससे उन्हें लगे कि उन्होंने बिहार के साथ अन्याय और भेदभाव किया है। नीतीश ने कहा कि सीमांध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने के केंद्र के वादे पर कहा कि यह उसे दिया जाए हमें कोई एतराज नहीं पर जहां हंगामा होता है उसके बारे में तुरंत सोचते हैं और जहां के लोग शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज उठाते हैं उसको वे अनसुनी करते हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सीमांध्र को 24 घंटे के भीतर बिना मांग के उसे विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है पर जहां जरूरत है और लंबे समय से मांग होने तथा विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के बाद भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है यह रवैया भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अपील की कि दो मार्च को सभी लोग अपना काम बंदकर जुलूस निकालें और बिहार की इस मांग के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद करें।

नीतीश ने कहा कि यह हमारा सविनय अवज्ञा आंदोलन की तरह सत्याग्रह है और यह किसी के साथ किसी प्रकार की जोर-जबरदस्ती नहीं कि दो मार्च को किसी तरह का काम करने वाले हों वे अपने संकल्प और राय को प्रकट करने के लिए स्वेच्छा से आम हडताल करें और शायद इसी से जो ताकत उभरेगी वह केंद्र को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने पर मजबूर करेगा।

उन्होंने कहा कि हम किसी को रोकेंगे नहीं, किसी पर दबाव नहीं डालेंगे और किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे और इसमें पूरे बिहार के लोग तथा राजनेता दलगत सीमाओं से उपर उठकर भाग लेंगे। नीतीश ने कहा कि वे एक बार फिर सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हैं कि यह बिहार की अस्मिता का सवाल है और इसकी हक की लडाई इसलिए अन्य मसलों पर विद्यमान सारे मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर इसके पक्ष में अपनी आवाज बुलंद करें। यह समस्त बिहार के लोगों की भावना का प्रकटीकरण होगा।

भाजपा की उस शर्त कि जदयू अगर उसके 28 फरवरी के रेल रोको कार्यक्रम का समर्थन करेगी तो वह जदयू के दो मार्च की आम हड़ताल का समर्थन करेगी, नीतीश ने कहा ‘हमने अपना कार्यक्रम बता दिया जिसकी रूपरेखा भिन्न है, यह किसी भी चीज को जोर जबरदस्ती बंद करने का है ही नहीं, किसी भी चीज को रोकने का नहीं बल्कि अपने संकल्प को प्रकट करने के लिए खुद रुको का नारा है।’ (एजेंसी)

First Published: Thursday, February 27, 2014, 20:28

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