Last Updated: Wednesday, January 8, 2014, 19:01
हैदराबाद : पृथक तेलंगाना के गठन से संबंधित विधेयक पर आंध्र प्रदेश विधानसभा में बुधवार को अंतत: चर्चा शुरू हो गई। लेकिन वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों के तीव्र विरोध के कारण कुछ ही मिनटों के भीतर सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
पर्यटन मंत्री वट्टी वसंत कुमार ने जैसे ही चर्चा शुरू की वैसे ही सदन में राज्य बंटवारे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। यहां तक कि चर्चा का विरोध करते हुए सीमांध्र (रायलसीमा और तटीय आंध्र) से आने वाले वाईएसआर कांग्रेस पार्टी विधायकों ने एकजुट आंध्र के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए।
विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी को घेर रखे वाईएसआर कांग्रेस के विधायकों ने विधेयक की प्रतियां फाड़ दी और उसके टुकड़े हवा में उड़ा दिए। हंगामे और नारेबाजी को देखते हुए अध्यक्ष एन. मनोहर ने गुरुवार तक सदन को स्थगित कर दिया। सुबह के दो स्थगन के बाद दोपहर में जब सदन में कामकाज बहाल हुआ तो वित्त मंत्री अनाम रामनारायण रेड्डी ने सदस्यों से चर्चा कराने में सहयोग की अपील की। उनके यह आश्वासन देने के बाद कि सरकार विधेयक में उल्लेखित मुद्दों पर सरकार सूचना मुहैया कराएगी, सीमांध्र के तेलुगू देशम पार्टी के विधेयकों ने अपना विरोध समाप्त कर दिया।
अध्यक्ष एन. मनोहर ने वसंत कुमार को चर्चा शुरू करने के लिए कहा। वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने हालांकि विरोध करना जारी रखा। ये सदस्य राज्य को एकजुट रखने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की मांग कर रहे हैं। पर्यटन मंत्री ने कहा कि यह विधेयक रायलसीमा और तटीय आंध्र के लोगों की भावना के खिलाफ है। आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2013 को राष्ट्रपति ने 12 दिसंबर को विचार के लिए विधानसभा को भेजा है। विधानसभा में 16 दिसंबर को विधेयक चर्चा के लिए पटल पर रखा गया, लेकिन सीमांध्र के सदस्यों के विरोध के कारण चर्चा शुरू नहीं हो पाई और दोनों सदनों की कार्यवाही 3 जनवरी तक स्थगित कर दी गई। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 8, 2014, 19:01