Last Updated: Wednesday, October 23, 2013, 18:14
कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को सूर्यनेल्ली दुष्कर्म मामले में पीड़िता द्वारा दायर एक याचिका खारिज कर दी। पीड़िता ने अपनी याचिका में राज्यसभा के उपाध्यक्ष पीजे. कुरियन के खिलाफ जांच को आगे बढ़ाने की मांग की थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कुरियन को बरी कर दिया है, और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है।
जमानत मिलने के बाद से फरार चल रहे मामले के एकमात्र आरोपी धर्मराजन को पुलिस ने कुछ महीने पहले गिरफ्तार किया, जिसके बाद पीड़िता ने मामले की जांच आगे बढ़ाए जाने के लिए याचिका दायर की थी।
गिरफ्तार होने के बाद धर्मराजन ने एक समाचार चैनल पर इस मामले में कुरियन की संलिप्तता की बात कही थी, लेकिन अदालत के सामने गवाही में धर्मराजन ने कहा कि समाचार चैनल पर बयान देते वक्त वह नशे की हालत में था। इसके बाद कुरियन को इस मामले में कभी भी आरोपी नहीं बनाया गया।
एक विशेष अदालत ने 90 के दशक के आखिरी वर्षो में इस मामले में 42 लोगों को दोषी करार दिया था, और पीड़िता ने इडुक्की जिले की अदालत में कुरियन के खिलाफ निजी तौर पर शिकायद दर्ज कराई थी। पीड़िता ने शिकायत में कहा था कि इडुक्की जिले के अतिथिगृह में कुरियन ने उसका यौन शोषण किया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 23, 2013, 18:14