Last Updated: Thursday, October 17, 2013, 21:22

गाजियाबाद: आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड में अपनी अंतिम दलील के चौथे दिन सीबीआई ने दावा किया कि तलवार दंपति ने ही अपनी बेटी और नौकर हेमराज की हत्या की।
आरुषि (14) नोएडा स्थित अपने घर में 16 मई 2008 को मृत पाई गई थी। इसके अगले दिन हेमराज का शव मकान की छत पर पाया गया था।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस. लाल के सामने दलील रखते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के वकील आर. के. सैनी ने कहा कि पेशे से दंत चिकित्सक दंपति राजेश तलवार और नूपुर ने मकान के मुख्य दरवाजे के लोहे के गेट को इस हिसाब से रखा कि अपराध के बाद उनकी नौकरानी भारती सबसे पहले वहां पहुंचे।
फ्लैट बाहर से बंद है या नहीं इसका पता उसी लोहे के गेट से चल सकता था। इसके बाद तलवार दंपति ने सबूत के साथ छेड़छाड़ की।
माता-पिता ने अपराध स्थल को साफ किया और कमरे को उसी रंग से फिर से रंगरोगन किया। सैनी ने दावा किया कि तलवार ने उत्तर प्रदेश के पूर्व अधिकारी के साथ हेमराज का शव बरामद कराने के लिए साजिश रची थी।
उन्होंने पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक को भी दिनेश तलवार और सुशील चौधरी के माध्यम से दुष्कर्म को रिकार्ड पर नहीं रखने के लिए प्रभावित करने का प्रयास किया।
सैनी ने कहा कि अपराध की रात वहां केवल चार ही लोग राजेश तलवार, नूपुर, आरुषि और हेमराज मौजूद थे। बाहर से आने का और कोई दूसरा रास्ता नहीं था और इसीलिए माता-पिता ने ही अपनी बेटी और नौकर की हत्या की।
इसी के साथ अभियोजन पक्ष ने अपनी दलील पूरी की। न्यायाधीश ने इसके बाद मामले को शुक्रवार तक के लिए टाल दिया। अब बचाव पक्ष अपनी दलील रखेगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 17, 2013, 20:53