Last Updated: Tuesday, March 25, 2014, 21:30
अहमदाबाद : अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी के दंगा पीड़ितों के लिए मिले दान के पैसे का कथित तौर पर गबन करने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनंद और कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसन जाफरी के बेटे तनवीर को अग्रिम जमानत नहीं मिली है।
स्थानीय सत्र अदालत के न्यायाधीश एचसी वोरा ने इन लोगों की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया इन लोगों के खिलाफ दस्तावेजी सबूत उपलब्ध हैं। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ दस्तावेजी सबूत उपलब्ध हैं जिनकी गहन जांच की जरूरत है।’ इन लोगों पर गुलबर्ग सोसायटी के दंगा पीड़ितों की मदद के लिए मिले धन का दुरूपयोग करने का आरोप है।
गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में 68 लोग मारे गए थे। इनमें जाफरी भी शामिल थे। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को तथ्य के तौर पर स्वीकार करते हुए कहा, ‘आरोपियों की मौजूदगी में पुलिस जांच की जरूरत है। प्रथम दृष्टया लगता है कि दंगा पीड़ितों के लिए एकत्र धन का उनके लिए इस्तेमाल नहीं किया गया।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 25, 2014, 21:30