कठुआ में आतंकी हमले में 2 लोगों की मौत

कठुआ में आतंकी हमले में 2 लोगों की मौत

कठुआ में आतंकी हमले में 2 लोगों की मौतजम्मू : जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में शुक्रवार को सेना की वर्दी पहने लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध आतंकवादियों ने दो हमले किए, जिनमें सेना के शिविर की सुरक्षा में तैनात एक सिपाही सहित दो लोगों की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए।

पहले हमले में हथियारों से लैस तीन आतंकवादियों ने एक वाहन पर गोलीबारी की, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। बाद में इसी समूह को सेना के जवानों ने रोकने का प्रयास किया जिसमें एक जवान शहीद हो गया। मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादी भी मारे गए हैं जबकि तीसरे को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से जुटायी गयी सूचना के अनुसार, हीरानगर पुल के पास तीन लोगों ने एक बोलेरो गाड़ी को रोका और उसके सभी सवारों को नीचे उतरकर लाइन में खड़ा होने को कहा। वाहन चालक तरसीम सिंह को छोड़कर उन्होंने सभी यात्रियों पर गोलियां चलाईं और वाहन लेकर फरार हो गए। इस घटना में जम्मू के विजयपुर निवासी अजित राम की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए।

घायलों में से एक ने पुलिस को बताया कि आतंकवादियों ने सिर्फ एक शब्द कहा था ‘उतरो’ और उसके बाद वाहन चालक को छोड़कर उन्होंने सभी यात्रियों को गोली मार दी। घटना में घायल हुए तीन लोगों कमलजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह और संतोख सिंह का इलाज चल रहा है। सभी किसी धार्मिक समारोह में हिस्सा लेने के लिए जुम्मे से पंजाब के गुरदासपुर जा रहे थे।

बाद में आतंकवादियों को सेना के एक शिविर के पास रोका गया जहां मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ के दौरान 111 रॉकेट रेजीमेंट के पिछले दरवाजे की सुरक्षा के लिए तैनात लांस नायक वी. एंथनी शहीद हो गए और एक जवान घायल हो गया।

वाहन चालक के बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं है। पुलिस का मानना है कि आतंकवादियों ने उसकी भी हत्या कर दी होगी। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक अशोक प्रसाद ने कहा कि पुलिस नियंत्रण कक्ष को सुबह चार बजकर 47 मिनट पर जैसे ही सूचना मिली सभी चेक पोस्टों और सुरक्षा प्रतिष्ठानों को सचेत कर दिया गया। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के बावजूद अंतिम बार कठुआ के 111 रॉकेट डिवीजन के बाहर एक नाले पर देखे गए वाहन की तलाश के लिए हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं।

सेना के शीर्ष अधिकारियों को भी सूचित कर दिया गया था तभी तो आतंकवादी सैन्य शिविर के दरवाजे तक भी नहीं पहुंच सके और कर्मी ने उन्हें गोलीबारी में उलझा लिया। पुलिस ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले आत्मघाती हमला करने के फिराक में आतंकवादी संभवत: तरलाह नाला के माध्यम से घुसे हों।

कठुआ जिले में 26 सितंबर 2013 को हमले के लिए भी आतंकवादी इसी रास्ते से प्रदेश में आए थे। इस हमले में लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीत सिंह सहित 12 लोग मारे गए थे।हमलों की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अभियान समाप्त होने के बाद ही वह इसपर कुछ कहेंगे।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘जम्मू के कठुआ में आज हुए आतंकवादी हमले की मैं स्पष्ट शब्दों में निंदा करता हूं।’ उमर ने कहा, ‘यह अभियान अभी तक चल रहा है। सुरक्षा बल जब तक अभियान को समाप्त घोषित नहीं कर देते मैं आज के घटनाक्रम के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा।’ (एजेंसी)

First Published: Friday, March 28, 2014, 08:18

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