Last Updated: Tuesday, October 15, 2013, 23:00

गाजियाबाद: सीबीआई ने आरूषि मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत से कहा कि अपराध स्थल की पूरी तरह सफाई की गई थी और किशोरी लड़की के शव को चिकित्सक दंपति राजेश और नूपुर तलवार ने अपराध की रात साफ किया था।
विशेष सीबीआई अभियोजक आर के सैनी ने कहा, ‘अपराध स्थल की सफाई की गई। जिस बिस्तर पर आरूषि का शव पाया गया था उसपर एक भी सिलवट नहीं थी।’ सीबीआई ने यह भी दलील दी कि सेवा प्रदाता के अनुसार इंटरनेट राउटर को अपराध की रात खोला-बंद किया गया था। यह दर्शाता है कि तलवार दंपति जाग रहे थे और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे और वे आरूषि के कमरे में हो रही घटनाओं के बारे में जान रहे थे।
मामले में अंतिम दलील के तीसरे दिन सैनी ने कहा कि जिस चादर पर आरूषि का शव पड़ा था उसपर गीलेपन का दाग पाया गया जो दर्शाता है कि उसके गुप्तांगों की भी सफाई की गई थी। सीबीआई की कहानी के अनुसार आरूषि का हेमराज के साथ शारीरिक संबंध था और नूपुर ने इस तथ्य को छिपाने के लिए उसके गुप्तांगों को भी साफ किया था।
सैनी ने कहा कि डा. सुनील दोहरे ने आरूषि का पोस्टमार्टम किया था और उन्होंने कहा था कि हत्या की रात उसने शारीरिक संबंध बनाया था। उनपर अपनी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं करने के लिए दबाव डाला गया था। सैनी ने अदालत से कहा, ‘राजेश के बड़े भाई दिनेश ने अपने साथी चिकित्सक सुशील चौधरी से उत्तर प्रदेश के पूर्व प्रभावशाली पुलिस अधिकारी के के गौतम से रिपोर्ट से ‘बलात्कार’ शब्द हटवाने के लिए कहा था।’
अदालत ने कहा, ‘सीडीएफडी रिपोर्ट में कहा गया है कि आरूषि का डीएनए जो चादर, तकिया और उसके कमरे से जब्त की गई अन्य वस्तुओं से लिया गया था उसका मिलान रक्त के धब्बे वाली स्कॉच बोतल से लिए गए डीएनए से मेल खा रहा था। वह बोतल टेबल पर मिली थी।’
सैनी ने कहा, ‘उसी तरह रक्त के धब्बे वाले हाथ के निशान से लिया गया हेमराज का डीएनए इस बोतल से लिए गए डीएनए से मेल खा रहा था।’ उन्होंने कहा कि ये सीबीआई की कहानी का समर्थन करते हैं कि आरूषि और हेमराज का हत्यारा कोई बाहरी व्यक्ति नहीं था। उन्होंने कहा कि हेमराज का शव आरूषि के कमरे से खींचकर छत पर लाया गया। जहां इसे एक कूलर पैनल से ढंककर रखा गया था और छत को जाने वाले दरवाजे पर ताला लगा था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 15, 2013, 23:00