Last Updated: Wednesday, November 20, 2013, 00:34
नई दिल्ली : भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) ने मंगलवार को कहा कि इसने जून महीने में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के नवीनीकरण के पहले चरण का काम पूरा कर लिया है। 11वीं सदी के इस मंदिर की संरचना के संरक्षण और रासायनिक परिरक्षण की जिम्मेदारी एएसआई ने अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में ले ली थी।
आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक, पहले चरण में स्तंभ के नीचे से 489 क्यूबिक मीटर मलबा हटाया गया था और लगभग 635 वर्गमीटर इलाके को साफ किया गया है। वक्तव्य के मुताबिक, मंदिर की दीवार के क्षतिग्रस्त हिस्से में आवश्यक पत्थरों को जड़ने का काम हो गया है। मंदिर के पश्चिमी हिस्से के लकड़ी के दरवाजे को भी बदलने का काम किया गया है। एएसआई के मुताबिक, गर्भगृह की दीवार के नौ फुट के हिस्से की सफाई की जा चुकी है और दक्षिणी, पश्चिम और पूर्वी हिस्से में जमा हो गए कुछ मलबे को हटाया गया है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की टीम ने मंदिर के आधार की स्थिति का मुआयना करने के लिए जीपीआर सर्वेक्षण कराया था। दूसरे चरण में मंदिर के स्तंभ की मरम्मत, गायब हुए पत्थरों को भरना, संगमरमर के फर्श की सफाई, पूरे परिसर की सफाई सहित कई काम किए जाने हैं। एएसआई के मुताबिक, संरक्षण के कार्य को शुरू करने के लिए अगले साल आवश्यक सामग्री, उपकरण खरीदा जाएगा। जाड़े की समाप्ति के बाद अगले साल बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की सलाह पर काम शुरू किया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 20, 2013, 00:34